- समीक्षा बैठक में कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन ने संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश

-कहा, सभी किसानों को भूमि अधिग्रहण के बाद भुगतान भी समय से होना चाहिए

KANPUR : किसानों से अधिग्रहित भूमि का जब तक मुआवजा वहां के डीएम के खाते में न जाए। तब तक उक्त भूमि पर किसी प्रकार का कार्य न कराया जाए। सभी किसानों को भूमि अधिगृहण के बाद भुगतान भी समय से हो जाना चाहिए। ऐसे किसानों को परेशानी न होने दी जाए। जिन्होंने भुगतान से पहले ही अपनी भूमि सरकार को दे दी है।

70 करोड़ मुआवजा दिया

कमिश्नर मो। इफ्तखारुद्दीन ने कैम्प कार्यालय में एनएचएआई व एनटीपीसी बिल्हौर एवं डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कार्पोरेशन जो रेलवे मंत्रालय का भाग है की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने समीक्षा में पाया कि 496 हेक्टेयर भूमि का अधिगृहण रेलवे को करना था। जिसमें रेलवे ने 480 हैक्टेयर भूमि अधिगृहीत कर ली है। इस पर उन्होंने कहा कि ऐसी शेष भूमि जिसका भुगतान न हुआ हो, उसका शीघ्र ही भुगतान किया जाए। 85.27 करोड़ रुपया मुआवजे के रूप में देना था। जिसमें 69.89 करोड़ रुपया का मुआवजा दिया जा चुका है तथा 1308 काश्तकारों में 15.38 करोड़ मुआवजा शेष बचा है। कमिश्नर ने कहा कि इसका भी निपटारा शीघ्र करा दिया जाए। कमिश्नर ने विचाराधीन आर्बिटेशन में शेष 30 वाद शीघ्र निपटाने के आदेश दिए। समीक्षा में कमिश्नर ने पाया कि 113 करोड़ रुपए भुगतान हेतु चाहिये जिसमें 105 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है शेष राशि का शीघ्र भुगतान कर दिया जाये भुगतान न होने पर भुगतान राशि पर व्याज भी कास्तकार को देना होगा ।

शेष राशि कोर्ट में जमा कराएं

कमिश्नर ने एनटीपीसी बिल्हौर में पाया कि 370 करोड़ रुपए में से 335 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है शेष राशि को कोर्ट में जमा करा दिया जाए। उन्होंने किसानों को यह भी सलाह दी कि वह कानून का पालन अवश्य करें ऐसा न करने पर उनके सामने कठिनाई भी आ सकती है। मीटिंग में अपर आयुक्त आत्मा राम सागर, एडीएम भू- अध्याप्ति आशुतोष मोहन अग्निहोत्री के अलावा कानपुर देहात, इटावा व रेलवे विभाग के अधिकारी उपस्थित थे ।