- जीडीए का करना था 71 चौराहों का चौड़ीकरण

- पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को देना है एनओसी

- दो बार पत्र लिखने के बाद भी नहीं दिया इन विभागों ने एनओसी

GORAKHPUR: शहर को जाम से निजात दिलाने की योजना का सरकारी विभाग की हवा निकाल रहे हैं। तीन माह पहले शहर के 71 चौराहों के चौड़ीकरण की योजना को पीडब्ल्यूडी और नगर निगम हवा निकाल रहे हैं। चौराहा चौड़ीकरण के कार्य शुरू करने के लिए जीडीए ने दो बार इन विभागों को एनओसी के लिए पत्र लिख चुका है, लेकिन स्थिति यह है कि दोनों विभाग एनओसी नहीं दे रहा है, जिसके कारण चौराहा चौड़ीकरण के कार्य के लिए तैयार बैठा जीडीए कार्य नहीं करा पा रहा है।

एक से दो गाड़ी एक्स्ट्रा जगह मिलती

इस योजना के शुरू होने से सबसे अधिक फायदा शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को होता। शहर में अधिकांश सड़कें सिंगल लेन या डबल लेन की है, जबकि चौराहे डबल लेन से की है। ऐसे में अगर यह चौराहा चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो जाता तो सभी चौराहे थर्ड लेन और फोर्थ लेन के हो जाते। क्योंकि प्रत्येक चौराहे कम से कम 10 से लेकर 15 फीट चौड़े होते। ऐसे में अधूरी योजनाओं के कारण शहर में लाख कोशिश के बाद भी जाम के झाम से प्रशासन मुक्त नहीं करा पा रहा है।

इन प्रमुख चौराहों का होना था चौड़ीकरण

गोलघर चैराहा, काली मंदिर तिराहा, गोरखनाथ मंदिर मेनगेट, विजय चैक, रेती चैराहा, नौसड़ चौराहा, रोडवेज, नखास, आरटीओ, घोष कंपनी चौराहा। असुरन चौराहा, पादरी बाजार चौराहा व एचएन सिंह चौराहा सहित शहर के 71 चौराहों का चौड़ीकरण का कार्य होना था। इसमें तीन चौराहों का चौड़ीकरण नगर निगम को करना था, जबकि 68 चौराहों का चौड़ीकरण जीडीए को करना था। इस कार्य के लिए कमिश्नर की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया गया था, जिसमें आईजी, डीआइजी, डीएम, नगर आयुक्त जीडीए उपाध्यक्ष, पीडब्ल्यूडी, वन विभाग सहित कई अन्य अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सचिव नामित हैं।

वर्जन

पीडब्ल्यूडी और नगर निगम को एनओसी के लिए पत्र लिखा गया है, लेकिन वहां से एनओसी न मिलने के कारण शहर में चौराहों के चौड़ीकरण का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। जैसे ही यह दोनों विभाग एनओसी दे देंगे कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

एमके मिश्रा, सचिव जीडीए

अन्य चौराहों की एनओसी तैयार है, लेकिन छात्रसंघ चौराहा के कारण मामला अधर में है। यह चौराहा सहारा परिवार ने सौंदर्यीकरण किया है। ऐसे में उससे भी सहमति लेने के बाद ही कुछ किया जा सकता है।

बीएन सिंह, नगर आयुक्त