- मार्केट में पहले सी हाई साउंड वाले पटाखे है मौजूद

- दुकानदारों का कहना कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानता कौन है।

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ:

सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की आवाज पर शर्ते तो लागू कर दी, लेकिन बाजार पटाखों के धमाकों से दहलाने के लिए तैयार है। बाजार में जो भी पटाखे बिक रहे हैं, उन पर न तो कोई डेसीबल की लिमिट लिखी है और न ही दुकानदारों को इस बात की जानकारी है कि कितने डेसीबल के पटाखे बेचे जाने हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बाजार में पटाखों की आवाज को डेसीबल मीटर पर नापा, तो सारे नियम-कायदे तार-तार नजर आए। पढि़ए रिपोर्ट

मिनिमम 100 डेसीबल के पटाखे

सौ फुटा रोड स्थित पटाखा बाजार की तकरीबन एक दर्जन दुकानों पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने विजिट किया। इन सभी दुकानों पर डेसीबल की लिमिट वाले पटाखे मांगे गए, दुकानदारों ने कहा कि ऐसा कोई पटाखा मार्केट में मौजूद नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि सुप्रीमकोर्ट की शर्तो के हिसाब दिवाली पर पटाखे कैसे फोड़े जाएंगे। बाजार में मौजूद पटाखों की गूंज तो कानफोड़ू है।

कौन मानता है सुप्रीमकोर्ट का आदेश

रिपोर्टर - 20 से 30 डेसीबल के पटाखे चाहिए

दुकानदार - यह क्या होता है। और फिर अलग अलग पटाखे दिखाने लगा।

रिपोर्टर - मुझेकम आवाज वाले पटाखे चाहिए।

दुकानदार - कुछ पटाखे दिखाते हुए कहा कि इससे कम आवाज के पटाखे नहीं मिलेंगे।

रिपोर्टर - क्या डिब्बों पर उनका डेसीबल नहीं लिखा होता

दुकानदार - नहीं किसी भी डिब्बे पर यह नहीं लिखा होता कि कौन सा पटाखा कितने डेसीबल का होता है।

रिपोर्टर - सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि कम आवाज के ही पटाखे फोड़ने है।

दुकानदार - अरे सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानता कौन है। अब मार्केट में माल आ चुका है, तो बिकेगा ही। रोकना था तो बनाने वाली कंपनी पर सख्ती होनी चाहिए।

अभी तक हमें कोर्ट का आदेश रिसीव नहीं हुआ है। जैसे ही आदेश मिलेगा तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। आदेश के हिसाब से ही काम किया जाएगा।

ओपी वर्मा, एडीएम सिटी