-इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नामांकन पूरा

-चुनावी रणोत्सव में कूदे प्रत्याशी और उनके समर्थक

-आधी आबादी से दूरी, पांच प्रमुख पदों पर महामंत्री के लिए केवल एक महिला लड़ेगी चुनाव

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव के लिए युवा प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर लग चुकी है। चुनावी रणोत्सव में छात्रों के भावी नुमाइंदे पूरी तरह से मैदान में उतर चुके हैं। इसकी शुरुआत बुधवार को नामांकन के साथ हुई। हालांकि, चुनाव का जो चटख रंग हर बार नजर आता है, वह इस बार देखने को नहीं मिला। सुबह 09 बजे से शुरू हुए नामांकन के दौरान दोपहर 12:30 बजे तक सड़क पर सन्नाटा पसरा नजर आया। सड़कों पर न प्रत्याशी दिख रहे थे और न ही उनके समर्थक। यही कारण रहा कि बैंक रोड से बालसन चौराहा, लक्ष्मी टाकीज चौराहा और एएन हॉस्टल चौराहे तक लगने वाली बैरिकेडिंग पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने आम लोगों और उनके वाहनों को आने-जाने से नहीं रोका।

वीसी प्रकरण की छाया में दबा चुनावी शोर

हालांकि, कई हॉस्टल्स और लाइब्रेरी गेट के सामने स्थित खाली जगह पर प्रत्याशियों के पंडाल देखने को मिले। इसमें मौजूद समर्थकों के लिए पूड़ी सब्जी की व्यवस्था भी पहले की तरह रही। उधर, चुनावी माहौल के फीके रंग की चर्चा शिक्षक एवं छात्र भी करते नजर आए। चर्चाओं के बाजार में सन्नाटे के कई कारण गिनाए गए। कुछ लोगों का कहना था कि जब से एक बार ही चुनाव लड़ने का नियम बना है, तब से छात्रसंघ चुनाव का क्रेज आम छात्रों के बीच से खत्म होता जा रहा है। उधर, कई सारे शिक्षकों और छात्रों की चर्चा इससे ठीक उलट रही। इनका मानना था कि चुनावी माहौल में 05 सितम्बर के बाद विवि के वीसी प्रो। रतन लाल हांगलू के वायरल कथित स्क्रीन शॉट-ऑडियो टेप का मुद्दा ही छाया रहा। इससे नेता, छात्र और शिक्षकों का ध्यान चुनाव पर से हटा रहा। यह उसी का असर है।

48 साल में नहीं निकला मुन्ना जैसा जुलूस

बदले माहौल में छात्रसंघ भवन पर मौजूद एक शिक्षक ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब लग रहा है कि चुनाव लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप हो रहे हैं। उधर, भवन के अंदर मौजूद केमेस्ट्री विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर जगदम्बा सिंह ने बताया कि वर्ष 1971 के समय में छात्रनेता अरुण सिंह मुन्ना ने चुनाव लड़ा था। उस समय अरुण के समर्थकों ने छात्रसंघ भवन से साइंस फैकेल्टी स्थित केमेस्ट्री डिपार्टमेंट तक जुलूस निकाला था। कहा कि उन्होंने अभी तक जितना चुनाव देखा है, उन्हें नहीं लगता कि इतना लम्बा जुलूस कभी भी किसी छात्रनेता का निकला हो।

01 से 02 बजे के बीच उतरा भारी हुजूम

हालांकि, दोपहर 01 बजे से 02 बजे के बीच में देखते ही देखते सड़कों पर नामांकन करने पहुंचे छात्रनेताओं के साथ छात्रों का भारी हुजूम देखने को मिला। इसमें लड़कियां भी शामिल हुई। जिनके साथ लड़कियों का हुजूम चला। उनका उत्साह देखते ही बना। हाथों में पोस्टर, बैनर और पम्फलेट लिए नेता अपने पूरे दलबल के साथ इस एक घंटे में सड़कों पर उतर आए। नामांकन के बाद भी करीब एक घंटे तक इनका सड़कों पर कब्जा रहा। उन्हें कंट्रोल में करने के लिए यूनिवर्सिटी रोड और कैम्पस को पुलिस बल के जवानों ने चारों ओर से घेर लिया।

बोले अभी तो ये अंगड़ाई है

सुबह के 09 बजे जैसे ही डॉ। हौसिला सिंह की आवाज माइक पर गूंजी। प्रत्याशी और उनके समर्थकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर बैंक रोड, बालसन चौराहा, एएन झा हॉस्टल चौराहा और लक्ष्मी टकीज चौराहे से चौतरफा लगे पुलिस बल को सतर्क कर दिया गया। दोपहर 12 से 01 बजे के बीच प्रत्याशी और उनके समर्थक पूरी रौ में दिखे। इस दौरान सड़कें प्रचार सामग्रियों से पटी गई। जानकारों का कहना था कि दक्षता भाषण से पहले छात्रनेता और उनके समर्थक अभी पूरा जोर लगाएंगे। कहा कि अभी तो इसे अंगड़ाई ही समझिए। असली नजारा तो दक्षता भाषण और मतदान के दिन देखने को मिलेगा।

अध्यक्षी के लिए तगड़ा मुकाबला

इस पूरे चुनावी कार्य का जायजा लेने जिला और पुलिस प्रशासन के अफसर भी पहुंचे। यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर प्रो। एचएस उपाध्याय, सुरक्षा अधिकारी एपी सिंह, प्रो। केएन उत्तम के साथ केपीयूसी गेट के सामने डटे दिखे। कॉमर्स के प्रो। आरके सिंह ने लाइब्रेरी गेट की कमान संभाली। वहीं चुनाव अधिकारी प्रो। आरके उपाध्याय, प्रो। आईआर सिद्दकी, प्रो। एचके शर्मा, डीएसडब्ल्यू प्रो। हर्ष कुमार, प्रो। आईआर सिद्दकी, प्रो। शैलेन्द्र राय, प्रो। धनंजय यादव, डॉ। अश्वजीत चौधरी डॉ। हरिबंश, डॉ। पीएस पुंडीर, डॉ। आरके आनंद समेत कई वरिष्ठ शिक्षकों की टीम पूरी तरह से मुस्तैद नजर आई। बुधवार को हुए नामांकन में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर कांटे की टक्कर नजर आ रही है।