-आरजेडी की ओर से 17 सितंबर के बाद ही होगा उम्मीदवारों के नाम का फैसला

-महागठबंधन में कई सीटों को लेकर अब भी चल रही खींचतान

-एनडीए ने भी सीट बांट लिए, पर कैंडिडेट का फैसला लेने में हो रही मुश्किल

PATNA: पहले फेज के इलेक्शन के लिए नॉमिनेशन का काम बुधवार यानि आज से शुरू हो रहा है। पार्टियों ने सीटों की संख्या को तो काफी खींचतान के बाद बांट ली , मगर कई सीटों को लेकर उठापटक अब तक तक जारी है। ऐसे में कैंडिडेटस के नाम घोषित नहीं हो सके हैं। महागठबंधन हो या फिर एनडीए किसी ने भी अपने उम्मीदवारों का चयन नहीं किया है। महागठबंधन में शामिल आरजेडी ने तो अपने हिस्से के सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को अधिकृत कर दिया है। अब वे ही उम्मीदवारों के अंतिम चयन करेंगे। दूसरी ओर, एनडीए ने भी मंगलवार को सीटें तो बांट ली मगर उम्मीदवारों के चयन में अभी समय लग सकता है। कौन उम्मीदवार जीत सकता है इसे लेकर मंथन जारी है। चारों पार्टियों लोजपा, भाजपा, हम और रालोसपा के नेता कई दौर की बात कर चुके है। मगर बात नहीं बनने के कारण कोई लिस्ट जारी नहीं कर सके हैं। सोर्सेज की मानें तो एक दो दिन बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो सकती है। वह भी फेज वाइज ही करेंगे।

लालू करेंगे कैंडिडेट सेलेक्ट

आरजेडी के राज्य संसदीय दल की मीटिंग मंगलवार को होटल मौर्या में हुई। अध्यक्षता एक्स सीएम राबड़ी देवी ने की। फ्8 सदस्यीय राज्य संसदीय बोर्ड की मीटिंग में राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी, स्टेट प्रेसीडेंट रामचन्द्र पूर्वे, एक्स सेन्ट्रल मिनिस्टर जयप्रकाश यादव, कांति सिंह के अलावा मुद्रिका सिंह यादव भी मौजूद थे। मीटिंग में कई विधायकों के साथ लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव भी शामिल हुए। मीटिंग खत्म होने के बाद रामचन्द्र पूर्वे ने बताया कि समान विचारधारा वाली पार्टियों से समझौता से लेकर पार्टी के कैंडिडेट के सेलेक्शन के लिए राजद सुप्रीमो को हमलोगों ने अधिकृत करने का प्रस्ताव कर दिया है। इस प्रस्ताव को क्7 सितम्बर को केन्द्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा। यानि कैडिडेट के नामों के चयन की जानकारी क्7 सितम्बर के बाद ही दी जा सकती है।

उठ रही है त्याग की बात

महागठबंधन दावे तो कर रहा है कि सब कुछ ठीक हो गया है, मगर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा में देरी का मतलब साफ है कि कुछ नामों और सीटों को लेकर दोनों ओर से दावेदारी चल रही है। नीतीश कुमार के करीबी कुछ विधायकों के टिकट कटने के आसार दिख रहे हैं। यहीं कारण है कि जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी ंजेडीयू की तरह लोगों को त्याग करने की बात कही है। जेडीयू के हिस्से के सीटिंग विधायकों की छह-सात सीटे राजद के खाते में जा रही है। इसे लेकर कई दौर की बात हुई है मगर बात बनी नहीं है। नीतीश, लालू और शरद के अलावा कई नेताओं की कई दौर की चर्चा हुई है। इधर, महागठबंधन ने कांगेस को ब्0 सीटें दी हैं, लेकिन कांगेस ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

हर पार्टी में होगी बगावत

उम्मीदवारों की सूची जारी होते ही हर पार्टी में बगावत के स्वर शुरू हो जाएंगे। ऐसे में पार्टियां भी एक दूसरे का वेट कर रही हैं, क्योंकि एक की सीट पर उम्मीदवार घोषित करने के बाद दूसरी पार्टी के लोगों को भी टिकट देने में प्रॉब्लम नहीं होती। क्योंकि बगावत टिकट के लिए ही ज्यादा होती है। और दूसरी ओर की सीट भी फुल रहती है।

लगातार हो रहा है मंथन

एनडीए की ओर से काफी मान-मनौव्वल के बाद सीटें तो बंट गई, मगर अब तक उम्मीदवारों मामला सुलझ नहीं सका है। क्योंकि बीजेपी की सिंबल पर पांच लोग लड़ेंगे 'हम' के। इसके अलावा कुछ और भी सीटें है जिस पर जीतने के हिसाब से टिकटों का बंटवारा होना है। इसके लिए मंगलवार को भी दिल्ली में अमित शाह के साथ लोजपा, हम और रालोसपा के नेताओं की मीटिंग चल रही थी। लेकिन नतीजा अभी निकला नहीं है। दावे किए गए है कि कोई परेशानी नहीं। जल्द ही ठीक हो जाएगा सब। बीजीपी लीडर सुशील मोदी, मंगल पाण्डेय और नंदकिशोर यादव भी कई दिनों से लगातार मंथन कर रहे हैं। एनडीए में सीटों के बंटवारे के बाद बीजेपी बड़े भाई के रूप में क्म्0 सीटों पर लड़ेगी, जबकि लोजपा को ब्0, रालोसपा को ख्फ् और हम को ख्0 सीटों दी गई हैं।

थर्ड फ्रंट ने भी जारी नहीं की लिस्ट

महागठबंधन के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला नया थर्ड फ्रंट जिसे सपा और एनसीपी ने बनाया है, उसने भी अभी तक अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं। सभी ख्ब्फ् सीटों पर इलेक्शन लड़ने की घोषणा करने वाली दोनों पार्टियां भी अभी उम्मीदवार तय नहीं किया है। पहले दोनों पार्टियां महागठबंधन में शामिल होनेवाली थी मगर सपा को पांच और एनसीपी के फ् सीटें देने के बाद बात बिगड़ गई और दोनों ने अलग रास्ता तय करने की घोषणा कर दी। एनसीपी नेता तारिक अनवर और सपा प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव की इस संबंध में बातें लगातार हो रही है मगर सीटों के उम्मीदवारों का नाम फंसा है। कौन सा कैंडिडेट मजबूत साबित होता इसे लेकर यह गठबंधन ज्यादा ध्यान दे रहा है।