रही-सही कसर पुलिस की सख्ती ने पूरी कर दी। कई लोग नॉमिनेशन कराए बगैर ही लौटना पड़ा। आखिरी दिन सबसे अधिक, मेयर के 14 और  कारपोरेटर के ---  कैंडीडेट्स ने नामांकन कराया।

सुबह से ही सिलसिला

नॉमिनेशन का आखिरी दिन होने के कारण सुबह 11 बजे ही मेयर व कारपोरेटर का नामांकन कराने वाले लोग जुलूस व ढोलताशों के साथ मोतीझील पहुंचने लगे। दो प्रमुख पॉलीटिकल पार्टी ने एक दिन पहले रात में कारपोरेटर के कैंडीडे्टस की लिस्ट फाइनल की थी। इसमें वे भी शामिल थे। इससे दोपहर होते-होते ट्रैफिक फंसाव होने लगा। मगर पुलिस ने कारपोरेटर कैंडीडेट्स को मोतीझील के शिवाजी गेट से एंट्री नहीं दी। उन्हें हैलट साइड बने मोतीझील गेट की तरफ भेज दिया। यहां पर पूरी पड़ताल के बाद कैंडीडेट के साथ 1-2 लोगों को अन्दर जाने दिया गया। गेट पर जबरदस्त भीड़ होने की वजह से ट्रैफिक ध्वस्त हो गया और जाम लग गया। पुलिस ने कई बार सपोर्टर्स को खदेड़ा। मगर एक के बाद नामांकन जुलूस व कैंडीडेट्स के तांता लगे रहने से जाम नहीं खुल सका। मजबूरन लोगों ने स्वरूप नगर व आर्य नगर की गलियों की तरफ रूख करना पड़ा।

पुलिस से नोकझोक

तपती धूप में मोतीझील गेट से नगर निगम मुख्यालय बिल्डिंग तक सफर कैंडीडेट और उनके प्रस्तावकों को पैदल ही नापना पड़ा। नगर निगम गेस्ट हाउस के पास बेरीकेडिंग को पार करने में भी उन्हें लाइन लगानी पड़ी। धूप से बेहाल हुए कैंडीडेट्स की कई बार पुुलिस से तीखी नोकझोंक हुई।

कोई गिरा तो काई पुलिस से भिड़ा

नामांकन के आखिरी समय में तो अफरातफरी मच गई। जाम के बाद पुलिस की बंदिशें सहकर जैसे-तैसे कैंडीडेट नगर निगम पहुंचे। तीन मंजिलों में बने पार्षद नामांकन कक्षों  में पहुंचने के लिए लोगों को दौड़ लगानी पड़ी। सीढिय़ां चढऩे के कारण चकेरी के जितेन्द्र गिर पड़े। जैसे-तैसे खोजते हुए नामांकन कक्ष पहुंचे, पर तब तक कमरा बंद हो चुका था। वार्ड-100 के ब्रजेश साहू, वार्ड-67 सुधा दीक्षित, महबूब खान सहित कई कैंडीडेट्स को निराश होकर लौटना पड़ा। ब्रजेश साहू व महबूब ने बताया कि ट्रेजरी में जमानत धनराशि जमा कर नगर निगम आते समय काफी देर जाम में फंसे रहना पड़ा। फिर मोतीझील गेट से नगर निगम तक पैदल आना पड़ा। पुलिस ने भी पूछताछ के नाम पर काफी देर रोके रखा।

हम ठीक करेंगे नगर निगम

हाथ में त्रिशूल व डमरू बजाते हुए शिवप्रसाद पांडेय मेयर के लिए नामांकन कराने के लिए नगर निगम पहुंचे। उन्होंने कहा कि निगम का रिटायर्ड इंप्लॉई हूं, ऑफिसर से इंप्लॉई तक की नस-नस से वाफिक हूॅं, मेयर बनते ही इन्हें सुधार दूंगा, शहर अपने सुधर जाएगा।

फार्म 7 ख को लेकर खींचतान

मंगलवार की रात दो प्रमुख पॉलीटिकल पार्टीज ने कारपोरेटर के कैंडीडेट फाइनल किए। ये आज नामांकन कराने पहुंचे तो पार्टी के अधिकृत कैंडीडेट से संबंधित फॉर्म 7 क और 7 ख को कन्फ्यूजन की स्थिति हो गई। कुछ कैंडीडेट दौड़े हुए कन्ट्रोल पहुंचे। एक पार्टी के नेता ने सभी रिटर्निंग ऑफिसर्स के बीच ये फॉर्म बंटवाएं।

नामांकन में जद्दोजहद

एडवोकेट प्रवीण फाइटर को नामांकन कराने के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ा। पहले भाग संख्या न होने के कारण दिक्कत का सामना करना पड़ा। इसके बाद नो ड्यूज न होने पर मामला फंसा। प्रवीण फाइटर ने बताया कि श्रमविभाग की बाबूपुरवा लेबर कालोनी  में रहने के कारण नो डयूज नहीं लिया है। वोटरलिस्ट की भाग संख्या मालूम न होने के कारण वार्ड-43 से नामांकन कराने आई अनुराधा मिश्रा को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. 

नर्सिंगहोम से नॉमिनेशन

नेतागिरी जो न कराए कम है बुधवार को ऐसा ही नजारा नगर निगम में नामांकन के दौरान दिखाई पड़ा। कल तक बर्रा-8 के एक नर्सिंगहोम में एडमिट रानी को सहारा देकर आज उनके फैमिली मेंबर नामांकन कराने के लिए नगर निगम पहुंचे।

आरओ नहीं मिले

वार्ड-51 से नामांकन कराने आए सप्पू पाठक काफी देर तक इधर -उधर भटकते रहे। उन्होंने बताया कि आरओ के न होने से नामांकन नहीं हो पा रहा है।

आखिरी पल तक भरते रहे नामांकन

 आईआईटियन ओमेन्द्र भारत अपनी पार्टी के कैंडीडेट्स के नामिनेशन फॉर्म आखिरी क्षणों तक भरते रहे। ये देख लोग कहने लगा कि इनका तो नॉमिनेशन होना मुश्किल है।

कारपोरेटर के लिए नॉमिनेशन

टोटल-

6 जून---

5 जून- 380

4 जून- 359

3 जून- 86

2 जून- 82

1 जून- 19

31 मई- 02

मेयर के लिए नॉमिनेशन

टोटल- 29

6 जून- 14

5 जून- 7

4 जून- 6

3 जून- 0

2 जून- 2

1 जून- 0

31 मई- 0