आसमान से हो सकेगी रेलवे संपत्ति की निगरानी

दुर्घटनाओं को रोकने के लिए की गई प्लानिंग

ALLAHABAD: उत्तर मध्य रेलवे बेहतर मॉनिटरिंग, अनुरक्षण के साथ ही क्रॉउड मैंनेजमेंट और संरक्षा के लिए जल्द ही अनमैन्ड एरियल वेहिकल (यूएवी, मानव रहित विमान) का प्रयोग करेगा। इसकी प्लानिंग कर ली गई है। शुक्रवार को जीएम एनसीआर एमसी चौहान की अध्यक्षता में 'यूएवी' के प्रयोग की संभावनाओं पर चर्चा के लिए बैठक आयोजित की गई।

प्रयोग को लेकर विधिवत चर्चा

बैठक मे फिक्स्ड-विंग यूएवी और रोटरी विंग विमान के संभावित अनुप्रयोगों पर चर्चा हुई। 'यूएवी' के विशेषज्ञ, स्क्वाड्रन लीडर वीएस श्रीनिवास (सेवानिवृत्त) ने सलाह दी कि दोनों फ्लाइंग प्लेटफामरें के अपने फायदे हैं, पर फिक्स्ड-विंग प्लेटफार्म लंबी अवधि, बेहतर स्थिरता, पवन प्रतिरोध और लंबी सहनशक्ति की आवश्यकता वाले संचालन के लिए बेहतर विकल्प होता है। चर्चा के दौरान स्पष्ट हुआ कि 3 किमी और 15 मिनट से 50 किमी तक और 6 घंटे तक काम करने की क्षमता वाले यूएवी के विभिन्न प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं।

प्रयोग पर गंभीरता से हो रहा विचार

जीएम ने कहा कि परीक्षण के तौर पर पुलों के रखरखाव में ड्रोन का उपयोग शुरू कर दिया गया है। अब परिसंपत्तियो की बेहतर निगरानी, रखरखाव और बेहतर भीड़ प्रबंधन तथा ट्रेन संचालन में अधिक संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च सहनशक्ति, लंबी दूरी के यूएवी के उपयोग पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं।

यूएवी से रेलवे को होंगे ये फायदे

- ट्रैक, सिग्नल, ओएचई जैसी संपत्तियों का वास्तविक हवाई दृश्य अधिकारियों के सामने होगा

- ऊपर से देख कर पूरी प्रणाली की निरंतर निगरानी करने की सुविधा होगी।

- ट्रैक पर किसी भी अवांछित गतिविधि/बाधा का आसानी से पता लगाया जा सकेगा

- यूएवी द्वारा ऊपर से दी गई जानकारी भीड़ प्रबंधन के लिए बहुत उपयोगी होगी। इससे जमीन पर जहां भीड़ इकट्ठा हो रही है, वहां की पहचान करने में सहायता मिलेगी।