AGRA (15 March): सिटी में कोई भी पीडि़ता न्याय के लिए नहीं भटक रही है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मिले आधा आबादी को 'एक छत के नीचे न्याय' के तोहफे 181 टोल फ्री के आंकड़ों पर गौर करें तो, कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखती है। ऐसा नहीं होता तो, लेडीलॉयल में स्थित आशा ज्योति केंद्र अपने शुभारंभ के करीब एक हफ्ते भी पहली शिकायत को नहीं तरस रहा होता। इसके लिए महिलाओं में जागरूकता की कमी, तो सेंटर पर स्टाफ की प्रॉपर व्यवस्था नहीं होना भी एक वजह है।

हो सके हर समस्या का समाधान

न्याय पाने के लिए पीडि़ताओं को भटकना नहीं पड़े। एक छत के नीचे ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान हो सके। इसके लिए शासन स्तर से 181 शुरूआत की गई। आठ मार्च को महिला दिवस पर इसकी इस टोल फ्री नंबर की शुरूआत के साथ ही लेडीलॉयल में आशा ज्योति केंद्र का शुभारंभ किया गया। यहां टोल फ्री नंबर 181 पर शिकायत करने वालों की सुनवाई होनी है। कोई भी महिला यहां अपनी किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान करवा सकती है। शुभारंभ से करीब आठ दिन का समय बीत चुका है, लेकिन आशा ज्योति केंद्र अभी तक अपने पहले फ रियादी को तरस रहा है। इसकी एक वजह महिलाओं में इस सेवा जानकारी नहीं होना भी है। वहीं, संबंधित विभाग भी इसके प्रचार-प्रसार को लेकर गंभीर नहीं दिखता।

वकील और डॉक्टर की नहीं नियुक्त

महिलाओं को आशा ज्योति केंद्र पर एक ही छत के नीचे पुलिस, डॉक्टर और वकील की सुविधा दिलाने का प्रावधान है, लेकिन इस केंद्र पर अभी तक सिर्फ पुलिस व काउंसलर की सुविधा मिली है। केन्द्र वकील और डॉक्टर की नियुक्त का इंतजार कर रहा है।