10 साल से अधिक समय से नही हुई नीलामी

अधिकारियों की अनदेखी के कारण कबाड़ हो रहे वाहन

Meerut. नगर निगम के राजस्व का एक बड़ा हिस्सा निगम के पुराने वाहन और कबाड़ की नीलामी से एकत्र होता है. लेकिन निगम अपनी आय के इस साधन को भूल गया है. इसका नतीजा यह है कि कुछ साल पहले तक अपनी अच्छी कीमत रखने वाले निगम के आउटडेटेड वाहन अब कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं और खुद निगम के लिए परेशानी का सबब बन चुके हैं. हालत यह है कि इस कबाड़ को कबाड़ी भी सही दाम में खरीदने को तैयार नही है जिसके चलते निगम के डिपो में दिनोंदिन कबाड़ का दायरा बढ़ता जा रहा है.

10 साल से थमी नीलामी प्रक्रिया

दरअसल निगम द्वारा पुराने वाहन, स्क्रेप, होर्डिग्स, बैनर, मशीन आदि को हर साल नीलाम करने का नियम है. इससे निगम को समय रहते इन चीजों का सही दाम मिल जाता है. लेकिन पिछले दस से अधिक सालों से निगम के पुराने वाहन मशीनें और स्क्रेप की नीलामी नही हुई है. जिसके कारण वाहन जो तब चलने की हालत में थे आज जर्जर होकर कबाड़ में तब्दील हो चुके हैं. इनमें निगम के ट्रैक्टर से लेकर पुराने कूड़ा कलेक्शन वाहन, ट्रॉली, जेसीबी आदि वाहन शामिल हैं.

कबाड़ से भरे निगम के डिपो

सूरजकुंड डिपो, कंकरखेड़ा डिपो और दिल्ली रोड डिपो में कबाड़ बढ़ता जा रहा है. गत वर्ष बोर्ड बैठक में पार्षदों ने स्क्रेप नीलामी का मुददा उठाया था लेकिन इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद भी नीलामी प्रक्रिया पूरी नही की गई.

नीलामी क्यों नही हो रही इसकी जानकारी नही है. नीलामी प्रक्रिया जल्द कराने के मुददे को बोर्ड बैठक में रखा जाएगा.

गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी