-20 से शुरू हो रहा सावन, वैकल्पिक मार्ग पर पड़ा है मलबा

-जहां-तहां यूं ही पड़े हुए कंस्ट्रक्शन से जुड़े सामान

-शिव भक्तों की सुविधा को लेकर अब तक कोई तैयारी शुरू नहीं

RANCHI: इस सावन रांची के ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर की डगर भक्तों के लिए आसान नहीं होगी। जी हां, ख्0 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है, लेकिन अब तक यहां लाखों की संख्या में पहुंचने वाले शिवभक्तों की सुविधा को लेकर कोई तैयारी शुरू नहीं की गई है। पहाड़ी मंदिर के मुख्य मंदिर तक पहुंचने वाले वैकल्पिक मार्ग पर मिट्टी का कटाव ज्यादा है, रास्ते में गिट्टी व कंस्ट्रक्शन के सामान भरे पड़े हैं। ऐसे में यदि जल्द ही यहां की व्यवस्था ठीक नहीं की गई, तो कांवरियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ेगी।

महीनों से पड़े हैं कंस्ट्रक्शन के सामान

पहाड़ी पर विश्व का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराने के बाद से कंस्ट्रक्शन का काम पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। तिरंगा भी उतार दिया गया। लेकिन, फ्लैग पोस्ट अब भी खड़े हैं। वहीं, रास्ते पर जहां-तहां कंस्ट्रक्शन से जुड़े हुए सामान पड़े हैं। रास्ते की साफ-सफाई भी नहीं की गई है।

भारी संख्या में पहुंचते हैं कांवरिए

सावन के मौके पर पहाड़ी मंदिर पर एक दिन में क्0 हजार से अधिक भक्त पहुंचते हैं। सोमवार को यह आंकड़ा ब्0 हजार तक पहुंच जाता है। इसमें कावंरियों की संख्या भी ज्यादा होती है। पहाड़ी आने वाले भक्तों में बच्चे और महिलाओं की तादाद भी अच्छी खासी होती है। झंडोत्तोलन की वजह से मंदिर से सटे वैकल्पिक मार्ग पूरी तरह से डैमेज हो गया है। मंदिर के शीर्ष पर जाने का रास्ता तो है लेकिन वापस उतरने का वैकल्पिक मार्ग दुरुस्त करने का काम शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में यह परेशानी बढ़ सकती है।

हॉल को भी तोड़ दिया

पहाड़ी मंदिर की शीर्ष से सटे हॉल को भी जीर्णोद्धार के नाम पर तोड़ दिया गया है। इससे अब वहां ठहरने की भी व्यवस्था नहीं है। ऊपरी सिरे पर खड़े होने की भी व्यवस्था नहीं है। हॉल के टूटने से ऊपरी सिरे पर श्रद्धालुओं का ठहराव भी मुश्किल है। पहले श्रद्धालु हॉल के ऊपरी सिरे पर ठहर सकते थे और रांची की सुंदरता निहारते थे। लेकिन, अब हॉल के टूटने से यह संभव नहीं है।

वर्जन

सावन की तैयारी शुरू कर दी गई है। रास्ता कहीं भी खराब नहीं है। भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।

-मुकेश अग्रवाल, पीआरओ, पहाड़ी मंदिर विकास समिति