- सीमा अंतिल पूनिया के लिए आसान नहीं रही रजत की डगर

- कई बार डोपिंग विवाद में फंसने के बावजूद भी नहीं हारी सीमा

- एथलेटिक्स में कृष्णा पूनिया से दमदार प्रदर्शन करके दिखाया डिस्कस थ्रोअर ने

- पैसे की भी दिक्कत एक बार सताने लगी थी सीमा को

inext special

nikhil.sharma@inext.co.in

Meerut: तमाम बाधाओं को पार करते हुए मेरठी बहू सीमा पूनिया ने कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत पदक पर कब्जा जमा लिया। बेशक ये पदक अनमोल है, लेकिन अगर हरियाणा सरकार, उनके पति अंकुश और एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने सीमा का साथ नहीं दिया होता, तो ये मेडल सीमा आज नहीं जीत पाती। हम भी सीमा के इस मेडल पर अपना कंधा चौड़ा नहीं कर पाते। कुछ ऐसी ही कहानी है अपनी सीमा पूनिया की।

जब थी हर्डल प्लेयर

मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली सीमा पूनिया ने क्क् साल की उम्र में ही एथलेटिक्स का दामन थाम लिया था, लेकिन आपको बता दें उस वक्त सीमा हर्डल इवेंट में पार्टिसिपेट करती थीं, लेकिन तब रेसलर भाई के कहने पर उन्होंने डिस्कस पकड़ी।

जब मिला वो अवार्ड

सीमा पूनिया लगातार ऊंचाईयों को छू रही थीं। कॉमनवेल्थ गेम्स ख्0क्0 में जब सीमा ने कांस्य जीता तो उनकी इसी उपलब्धियों को हरियाणा सरकार ने उन्हें सराहा। इसके बाद उन्हें भीम अवार्ड से सम्मानित किया गया।

फंडिंग की हुई थी प्रॉब्लम

ख्0क्ख् ओलंपिक की तैयारियों के मद्देनजर सीमा एक बार फंड नहीं मिलने से परेशान थी, लेकिन सीमा ने हिम्मत नहीं हारी। उनकी मदद के लिए मित्तल चैंपियन ट्रस्ट सामने आया। नहीं तो सीमा खेल को छोड़ चुकी होती। सीमा खुद कहती हैं कि मैं स्पो‌र्ट्स छोड़ चुकी होती, अगर मैं आज भी स्पो‌र्ट्स से जुड़ी हूं, तो वो सिर्फ मित्तल चैंपियन ट्रस्ट के सही समय पर साथ देने की वजह से है। ट्रस्ट की वजह से ही वो अपनी विदेशी ट्रेनिंग को पूरी कर पाई। अमेरिका की उस लंबी ट्रेनिंग में उनके पति और कोच अंकुश पूनिया ने पूरा साथ दिया। हर समय अंकुश सीमा के साथ खड़े रहे, उस वक्त भी जब उन्होंने मेडल जीते और उस समय भी जब मुश्किल दौर में थी।

जब नहीं जा सकी दोहा

ख्00म् एशियन गेम्स दोहा के लिए चयन के बावजूद उन्हें भारतीय टीम से हटकर इंडिया लौटना पड़ा था, क्योंकि इंडियन टीम के मसकट में हुए ट्रेनिंग कैंप के दौरान हुए डोप टेस्ट में पॉजीटिव पाई गई थी। बाद में एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पैनल को कंविस्ड भी कर लिया था, कि उन्होंने कोई गलत दवा नहीं ली। जिसके बाद वो एशियन गेम्स में खेल सकती थी, लेकिन किन्हीं निजी कारणों से वो एशियन गेम्स में नहीं जा पाई। जिसके बाद उनकी केस को लेकर काफी निगेटिव पब्लिसिटी भी हुई।

कोल्ड की दवा ली और

ख्000 में सेंटिगो में हुई व‌र्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में ब्रांज मेडल जीतने के बाद। सीमा टेस्ट में पॉजीटिव पाई गई, जिसके बाद उनसे मेडल ले लिया गया। उन्होंने कहा कि कोल्ड की वजह से इंडिया से चिली जाते वक्त उन्होंने कोल्ड की दवा ली थी। उन्हें नहीं पता था कि ये दवा बैंड सब्सटेंस होगा। बाद में उन्होंने बैन कबूल कर लिया, लेकिन बाद में एमेच्योर एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने उनके केस को बदलते हुए उन्हें आगे ऐसा नहीं दोहराने की चेतावनी दी।

मुश्किलें तो बहुत आई थीं, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी। बस जो मुझे समझते थे, मुझ पर विश्वास करते थे, वो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे। आज मैं जो कुछ भी हूं उन्हीं लोगों की वजह से हूं।

सीमा पूनिया, कॉमनवेल्थ गेम्स ख्0क्ब् रजत पदक विजेता