खतरे में सेहत
नमक सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि हेल्थ के लिए भी काफी इम्पॉर्टेंट है। नमक में पाया जाने वाला माइक्रोन्यूट्रिएंट आयोडीन अगर पर्याप्त मात्रा में ना मिले तो गॉइटर, मेंटल रिटार्डेशन सहित कई तरह की आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑर्डर (आईडीडी) का खतरा रहता है। इन सारे खतरों के बावजूद सिटी में ननआयोडाइज्ड नमक की बिक्री जारी है।

Unsafe है ये नमक
सिटी में बेचे जा रहे कई लोकल ब्रांड्स के नमक की क्वालिटी स्टैंड्र्ड के अनुसार नहीं है। फूड एनालिस्ट और स्टेट प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर जेके सिंह ने बताया कि साल्ट कमिश्नर के ऑर्डर पर पूरे स्टेट से नमक के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई थी। जमशेदपुर से भी नमक के तीन सैंपल लिए गए थे। उन्होंने बताया कि लोकल ब्रांड्स के नमक के ये तीनों सैंपल जांच में फेल हो गए। उन्होंने बताया की एक सैंपल को तो अनसेफ की कैटगरी में रखा गया है। नमक के इन सैंपल में आयोडीन की निर्धारित मात्रा नहीं पायी गयी। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट को डिपार्टमेंट के पास भेज दिया गया है।

बाहर के नमक में गड़बड़ी
जेके सिंह ने बताया कि नेशनल आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑडर्स कंट्रोल प्रोग्र्राम (एनआईडीडीसीपी) के तहत साल्ट कमिश्नर द्वारा हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, फूड कमिश्नर सहित कई ऑफिसर्स को नमक की जांच करवाने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने बताया कि स्टेट में गुजरात और राजस्थान से आ रहे नमक की क्वालिटी स्टैैंड्डर्स के अनुरूप नहीं होने की बात कही गयी थी। उन्होंने बताया कि इस आदेश के बाद फूड सेफ्टी इंस्पेक्टर और सिविल सर्जन्स की मदद से नमक के सैंपल लेकर उनकी जांच की गई थी।

मसला है गंभीर
आयोडीन डिफिशिएंसी डिसऑडर्स पर काबू पाने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा एनआईडीडीसीपी प्रोग्र्राम के तहत कई कोशिशें की जा रही है। गवर्नमेंट ने हाउसहोल्ड और कम्यूनिटी लेवल पर आयोडाइज्ड नमक के हेंड्रेड परसेंट कंजम्पशन इंश्योर करने के साथ-साथ 2012 तक आईडीडी के लेवल को 10 परसेंट से नीचे ले जाने का लक्ष्य भी रखा था। पर ये कोशिशें पूरी तरह सफल होती नहीं दिख रहीं। यूनिसेफ और हेल्थ डिपार्टमेंट द्वारा किए गए सर्वेज के मुताबिक स्टेट में 2012 के दौरान सिर्फ 61 परसेंट हाउसहोल्ड्स में पर्याप्त मात्रा में आयोडीन (15 पीपीएम या उससे अधिक) वाले नमक का कंजंप्शन किया जा रहा था। वहीं, 33 परसेंट घरों में यूज किए जाने वाले नमक में आयोडीन की मात्रा अपर्याप्त पाई गई, जबकि 6 परसेंट घरों में बिना आयोडीन वाले नमक का इस्तेमाल किया जा रहा था। सितंबर-अक्टूबर 2012 के दौरान किए गए इस सर्वे के दौरान कोल्हान से लिए गए सॉल्ट टेस्ट रिपोर्ट में 74 परसेंट एडीक्वेटली आयोडाइज्ड नमक रिपोर्ट किए गए थे।

'जांच के लिए गए तीन लोकल ब्रांड्स के सैंपल में से एक को अनसेफ की कैटगरी में रखा गया है.'
-जेके सिंह, फूड एनालिस्ट और स्टेट प्रोग्राम को-ऑर्डिनेटर

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in