- आद्री के रजत जयंती समारोह के समापन में जुटे दिग्गज

- बिहार के साथ हमेशा ही भेदभाव होता रहा है: सिद्दकी

- बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के सवाल को टाल गए नीति आयोग के उपाध्यक्ष

-पिछड़े राज्यों को ही नहीं, पिछड़े जिलों को भी चिह्नित करेगा आयोग

PATNA : भारत दक्षिण एशियाई देशों के साथ विकास के मामले में जो कदमताल साठ के दशक में कर रहा था उसमें वह पिछड़ गया है, क्योंकि यहां अंडर एम्प्लॉयमेंट है। उदारवादी संस्कृति में यह सरकार के अकेले का दायित्व नहीं कि नई-नई नौकरियों का श्रृजन करे। इसके लिए पब्लिक और प्राइवेट पार्टिसिपेशन की जरूरत है। उक्त बातें नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ। अरविंद पनगढि़या ने कही। वे आद्री के सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन लेक्चर के समापन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में सकारात्मक विकास हुआ है, लेकिन अभी कई मोर्चो पर बेहतर काम करने की संभावना है।

कटौती की राशि नहीं होगी वापस

डॉ। पनगढि़या पहली बार बिहार आए थे। जब बात छिड़ी पिछड़े राज्यों की तो उन्होंने दो टूक कहा कि केंद्रीय योजनाओं की राशि में की गई कटौती वापस नहीं होगी। राज्यों के सीएम को साथ लेकर बनी आयोग की सह-समिति ने इस कटौती पर अपनी सहमति दी है। क्ब्वें वित्त आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी भी बढ़ाई गई है, जिसके नतीजे में उन्हें पहले से अधिक राशि मिल रही है।

विशेष राज्य के सवाल को टाल दिया

नीति आयोग के उपाध्यक्ष से लंबी बातचीत में बिहार का मुद्दा प्रमुख रूप से छाया रहा। लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के सवाल को उपाध्यक्ष डॉ अरविंद पनगढि़या ने टाल दिया। कहा मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता हूं।

बिहार कर सकता है बेहतर

डॉ। पनगढि़या ने क्99क् में शुरू की गई उदारीकरण का दौर का जिक्र करते हुए कहा कि शुरुआत में दक्षिण के राज्यों ने बेहतर और योजनाबद्ध विकास के परिणाम दिखाए। लेकिन इस मामले में उत्तर के राज्य तुलनात्मक रूप से पीछे रहे। कहा कि देर से ही सही, लेकिन बिहार और ओडिशा जैसे राज्य भी पिछले दस सालों से बेहतर विकास कर रहे हैं। सांसद एवं पूर्व राजस्व सचिव एनके सिंह की अध्यक्षता में हुए इस प्रोग्राम में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने केंद्रीय योजनाओं में की गई कटौती पर पुनर्विचार का उनसे आग्रह किया था।

टास्क फोर्स गठित

योजना आयोग से नीति आयोग कितना भिन्न है, इस पर डॉ पनगढि़या ने कहा कि नीति आयोग ने विकास की गति तेज करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। राज्यों में भी ऐसे समानांतर टास्क फोर्स बने हैं। तेलंगाना के ख्0 ऐसे मामले थे जिनका दो-तीन सालों से समाधान नहीं हो रहा था। उन्होंने कहा कि वर्तमान नीति आयोग को 'टीम इंडिया' कहकर कहा कि इसका लक्ष्य विकास के लिए राज्यों के साथ बेहतर कार्यप्रणाली को विकसित करना भी है। टीम इंडिया की भावना और 'कॉपरेटिव फेडरलिज्म' की अवधारणा को साकार करने के लिए मुख्यमंत्रियों की तीन सह-समिति बनाई गई है। कृषि पर सह-समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है, अब गरीबी उन्मूलन पर रिपोर्ट अपेक्षित है।