-सीएंडडीएस की लापरवाही आई सामने

-केजीएमयू ने कहा करनी होगी नुकसान की भरपाई

-जांच कमेटी ने बैठक के बाद किया खुलासा

LUCNKOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रविवार दोपहर रेडियो डायग्नोसिस विभाग में लगी आग के बाद फायर अलार्म भी नहीं बजे थे, जिससे समय से आग लगने का पता नहीं चल सका। इसमें सीएंडडीएस की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई है। केजीएमयू की ओर से गठित जांच कमेटी द्वारा सोमवार को की गई जांच में यह खुलासा हुआ है, जिसके बाद केजीएमयू ने आग से हुए नुकसान का खर्च सीएंडडीएस से वसूलने का निर्णय लिया है।

नहीं ट्रिप हुई थी एमसीबी

डॉ। अनित परिहार के कमरे में लगी आग के संबंध में सोमवार को जांच कमेटी ने बैठक की। बैठक में प्रो। यूबी मिश्रा, प्रो। नीरा कोहली, चीफ प्रॉक्टर डॉ। आरएएस कुशवाहा, एक्सईएन अखिलेश कुमार सिंह, इलेक्ट्रिक इंजीनियर एसपी सिंह, उमेश यादव ओर डॉ। अनित परिहार मौजूद रहे। केजीएमयू प्रशासन के अनुसार समिति ने पूरे कमरे की जांच की। इस दौरान पाया कि कमरे के सभी स्विच बंद थे और एमसीबी भी ट्रिप नहीं हुई थी। इसके अलावा कमरे के आसपास जो तार थे उनमें कोई आग नहीं लगी थी और सभी खिड़की दरवाजे भी बंद थे, जिसके कारण बाहर से आग लगने की संभावना नहीं है।

तो यूपीएस से लगी आग

जांच टीम ने पाया है कि कमरे में कंप्यूटर और यूपीएस रखा हुआ था। टीम ने संभावना जताई है कि यूपीएस की बैटरी के फटने से इस प्रकार की आग लगने की दुर्घटना हुई। आग के समय किसी प्रकार का सायरन भी नहीं बजा। जांच कमेटी ने यह भी पाया कि सीएंडडीएस द्वारा लगाए जा रहे फायर फाइटिंग सिस्टम में अनावश्यक रूप से विलंब किया गया। इसके कारण इस कमरे का रिनोवेशन और नुकसान हुआ है, जिसे सीएंडडीएस को ही वहन करना पड़ेगा।

आनन फानन शुरू कराया काम

रविवार को आग लगने की घटना के बाद सीएंडडीएस अधिकारियों ने आनन फानन में केजीएमयू के गेस्ट हाउस के पास वर्षो से खुदे पड़े गड्ढे में वाटर टैंक बनाने का काम शुरू करा दिया। एक दिन पहले ही केजीएमयू प्रशासन ने कहा था कि सीएंडडीएस ने दिसंबर से पहले काम पूरा करने का आश्वासन दिया है, लेकिन जिस हिसाब से काम में देरी की गई उससे लगता है अगले दो वर्षो तक भी फायर फाइटिंग सिस्टम पूरी तरह से दुरूस्त नहीं होगा। वाटर टैंक बनने में कई माह का समय लगेगा। उसके बाद वाटर सप्लाई के लिए विभागों में अभी तक फायर फाइटिंग सिस्टम की पाइप लाइन, अलार्म सिस्टम व अन्य बहुत से काम भी बाकी हैं। जिस गति से काम हो रहा है उससे तय समय में पूरा होना अभी संभव नहीं लग रहा है।

जांच टीम ने पाया है कि संभवत: यूपीएस से आग लगी होगी। फायर फाइटिंग सिस्टम लगाने में देरी की गई। आग से हुए नुकसान की भरपाई सीएंडडीएस को करनी होगी।

डॉ। संतोष कुमार, मीडिया प्रभारी