70 रुपये के टिकट के लिए भी थमा रहे 500 का नोट

रेलवे को मिली छूट का हर कोई उठाना चाह रहा फायदा

ALLAHABAD: प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही रेलवे और रोडवेज को 11 नवंबर तक बड़े नोट स्वीकार करने का आदेश दिया है। लेकिन अब प्रधानमंत्री का यह आदेश रेलवे के लिए बड़ी समस्या बन गया है। रेलवे के सामने 500 व एक हजार रुपये का नोट लेने के बाद फुटकर देने का संकट खड़ा हो गया है।

सभी के पास 500 के नोट

पर डे की तरह बुधवार को भी इलाहाबाद जंक्शन के टिकट व रिजर्वेशन काउण्टर पर पैसेंजर्स की भीड़ लगी रही। दोनों तरफ लंबी लाइन लगी थी। लेकिन बुधवार को अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही पैसेंजर्स और रेलकर्मियों के बीच किचकिच हुई। ये किचकिच हुई 500 व एक हजार के नोट और फुटकर को लेकर। टिकट के लिए लाइन में लगे पैसेंजर्स टिकट के लिए जो नोट निकाल रहे थे, उसमें से ज्यादातर 500 व एक हजार के थे। इलाहाबाद से कानपुर, मिर्जापुर, वाराणसी का 70 से 100 रुपये तक का टिकट लेने वाले पैसेंजर्स भी रेलकर्मियों को बड़े नोट ही पकड़ा रहे थे। ऐसे में फुटकर को लेकर परेशान बुकिंग क्लर्क कम रेट वालों टिकट देने की बजाय लौटा दे रहे थे।

प्लेटफार्म टिकट के लिए भी 500

बड़े नोट भजाने का आलम ये रहा कि बुधवार को इलाहाबाद जंक्शन पर दस रुपये का प्लेटफार्म टिकट खरीदने, 20 रुपये का एक बोतल मिनरल वाटर लेने, चाय-बिस्किट-नमकीन के लिए भी लोग सबसे पहले 500 व एक हजार के नोट ही निकाल रहे थे। रेलवे के बुकिंग काउण्टर व स्टॉल से बड़ा नोट देने वाले पैसेंजर्स को लौटा दिया गया।

क्या बोले पैसेंजर्स

मोदी जी को हमारी सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए था। एक झटके में 500 और 1000 के नोट बंद कर हमें पैदल कर दिया। अब कोई नोट लेने को तैयार नहीं है, हम क्या करें।

आशा देवी

कानपुर का टिकट लेने के लिए मैं लंबी लाइन में लगा रहा। लेकिन जब नंबर आया तो काउण्टर पर बैठे कर्मचारी ने 500 का नोट लेने से इंकार कर दिया। मेरी जेब में 500 का ही नोट था। अब मजबूरी में बगैर टिकट यात्रा करना पड़ेगा।

अभिषेक मौर्या

रेलकर्मी तो पहले भी बड़े नोट देखते ही भड़क जाते थे और फुटकर न होने का बहाना करते थे। अब तो फुटकर होने के बाद भी टिकट नहीं दे रहे हैं।

इंद्रजीत मौर्य

मुझे मुंबई का दो टिकट लेना था और मैंने रेलवे काउण्टर पर 500-500 के दो नोट दिए। रेल कर्मचारी ने दोनों नोट स्वीकार कर 600 का टिकट बनाया और 400 मुझे लौटा दिया।

मंगला जायसवाल