ददुआ के बेटे के खिलाफ एनबीडब्ल्यू

ALLAHABAD: कुख्यात दस्यु सरगना शिवकुमार उर्फ ददुआ के बेटे पूर्व विधायक वीर सिंह, अवधेश के खिलाफ विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। एक अन्य मामले में कोर्ट ने प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान के खिलाफ हाजिरी नोटिस जारी किया है।

14 तारीख पर एक भी गवाही नहीं

इससे पहले मुकदमे की सुनवाई सीजेएम चित्रकूट के द्वारा की जा रही थी। इसमें वर्तमान में 14 तारीख लग चुकी थी लेकिन किसी भी गवाह की गवाही रिकार्ड नहीं की जा सकी। मामले में विवेचक की तरफ से आठ गवाहों की सूची दी गई थी। चित्रकूट जनपद के कर्वी थाने में 13 अगस्त 2015 को ओम प्रकाश ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसके चचेरे भाई अजय कुमार को कार सवार युवकों ने टक्कर मारा था। शोर मचाने पर ओम प्रकाश की पिटाई वीर सिंह, अवधेश व अन्य ने की। प्रकरण की विवेचना तत्कालीन एसआई मधुसूदन दीक्षित को सौंपी गई। उन्होंने गवाह ओम प्रकाश, अजय कुमार, राजेश कुमार, फूलकुमारी, विजय का बयान लिया। विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि ड्राइवर संतोष कुमार ने लापरवाही से गाड़ी चलाई थी। उसे दोषी करार दिया गया। विशेष न्यायालय गठित होने के बाद सरकार बनाम वीर सिंह की पत्रावली जिला न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित हुई। न्यायाधीश पवन तिवारी ने जब पत्रावली का अध्ययन किया तो पाया कि अभियुक्तों की ओर से डिस्चार्ज किए जाने की अर्जी चित्रकूट न्यायालय में दी गई थी। इस पर बहस के लिए तिथियां निर्धारित की गई थी। शनिवार को स्पेशल कोर्ट में भी वीर सिंह व अवधेश गैरहाजिर रहे।

वन मंत्री को हाजिरी का आदेश

आचार संहिता के उल्लंघन से संबंधित मुकदमे में हाजिर नहीं होने पर विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट पवन कुमार तिवारी ने वन मंत्री को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। मामला मऊ जिले के मधुबन थाने में दर्ज रिपोर्ट से संबंधित है। तत्कालीन एसएचओ योगेंद्र बहादुर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 10 फरवरी 2017 को भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान अपने कई समर्थकों के साथ भाजपा के लिए वोट मांग रहे थे। उन्हें रोका गया और अनुमति पत्र की मांग की गई तो दिखा नहीं सके। उन पर चुनाव आचार संहिता का आरोप लगा। इससे पहले मुकदमे की सुनवाई न्यायिक मजिस्ट्रेट मऊ द्वारा की जा रही थी।

माननीयों की फाइलें अपूर्ण

उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में माननीयों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की पत्रावली जिला न्यायालय में स्थित विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में प्राप्त कराई जा रही है। इसमें काफी कमियां पाए जाने पर पत्रावली संबंधित जिला न्यायालय को दुरूस्त करने के लिए वापस भेजी जा रही है। इसके अतिरिक्त जो भी पत्रावली विभिन्न जिलों से भेजी जा रही है। उसमें अभियुक्त वर्तमान में जनप्रतिनिधि है अथवा रह चुका है, इसे नहीं दर्शाया जा रहा है। इससे स्पष्ट नहीं होता कि पत्रावली माननीयों से संबंधित है अथवा नहीं।