केस 1-

मुठभेड़ में मारे दो लेकिन अन्य बदमाशों का पता नहीं

7 जनवरी को कोहाड़पीर पुलिया पर ज्वैलर्स के कर्मचारी सुमित को गोली मारकर 15 लाख लूटने वाले दो बदमाशों संभल निवासी कपिल और अशोक को पुलिस ने अहलादपुर में मुठभेड़ में मार गिराया था। इस वारदात को 5 से अधिक बदमाशों ने अंजाम दिया था, लेकिन पुलिस 20 दिन बाद भी बदमाशों को गिरफ्तार करना तो दूर उनके बारे में पता तक नहीं लगा सकी है।

केस 2-

पैर में गोली मारी पर पकड़े सिर्फ दो

8 जनवरी की रात में क्राइम ब्रांच की टीम ने महेशपुरा फाटक पर आगरा में डकैती डालने जा रहे वली शाह उर्फ लंबू और मुन्ने खां को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। वली शाह के पैर में गोली भी लगी थी। बदमाशों के साथ में सईम उर्फ चीमा, शरीफ और धर्मेद्र गंगवार थी। इन्हें भी पुलिस अभी तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

केस 3-

5 बदमाश अभी भी पुलिस गिरफ्त से दूर

25 जनवरी को क्राइम ब्रांच ने कुदेशिया पुल के पास गांधी नगर में डकैती डालने वाले शामली के मुकीम काला गैंग के 5 बदमाशों प्रवीन उर्फ कुक्कू, अमित कश्यप, कपिल, शमीम और अजय पंडित को गिरफ्तार किया था। इस वारदात में 10 बदमाश शामिल थे, जिसमें कुर्बान समेत 3 बदमाशों ने पुलिस की वर्दी पहनी थी। इन बदमाशों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

केस 4-

आधा दर्जन थे लेकिन पकड़े सिर्फ दो

25 जनवरी को हॉफिजगंज पुलिस ने शिवदत्त गंठा गैंग के दो बदमाशों सोमपाल शर्मा और पुष्कर दत्त को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया था। सोमपाल शर्मा के पैर में गोली भी लगी थी लेकिन इसके साथियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है। जबकि सोमपाल के साथ में आधा दर्जन बदमाशों ने नवाबगंज के कई घरों में डकैती डाली थी।

केस 5

यहां तो अभी तक एक भी नहीं पकड़ा

-कैंट की सदभावना कॉलोनी में हिस्ट्रीशीटर पाताराम की गोली मारकर हत्या 6 बदमाशों ने मिलकर की थी। जिसमें दो बदमाश जट्टा और बंटू की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई जगह दबिश दी लेकिन पुलिस अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं लगा सकी है। जबकि वारदात को हुए एक सप्ताह हो चुके हैं। जिन बदमाशों ने मर्डर किया, वह काफी कुख्यात हैं।

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-अहलादपुर और महेशपुरा फाटक मुठभेड़ में भी हुआ ऐसा

-मुकीम गैंग के बदमाश फरार, गंठा के साथी भी नहीं आए हाथ

बरेली। पुलिस पूरे गैंग को वर्कआउट ही नहीं करती है। यह खुलासा पुलिस की कार्यप्रणाली ही कर रही है। बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद वाहवाही लूटने वाली पुलिस खुद ही फॉलोअप करना भूल जाती है। यही कारण है कि बदमाश खुलेआम घूमते हैं और किसी दूसरे जिले में जाकर आसानी से वारदात को अंजाम देते हैं। पिछले दिनों भी बरेली पुलिस ने 4 बड़े गैंग पकड़े। तीन गैंग के साथ मुठभेड़ भी हुई, लेकिन गैंग के अन्य साथी अभी भी गिरफ्त से दूर हैं। एक वारदात में तो पुलिस किसी भी बदमाश को गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

एक-दूसरे पर जिम्मेदारी

जब भी कोई बड़ी वारदात होती है तो बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस एक्टिव हो जाती है। क्राइम ब्रांच भी बदमाशों की धरपकड़ में तेजी दिखाती है और वारदात का खुलासा करने के लिए कुछ बदमाशों को पकड़कर प्रेस कांफ्रेंस कर दी जाती है। उसके बाद बदमाशों की धरपकड़ की जिम्मेदारी थाना पुलिस पर डाल दी जाती है। इसके अलावा भी जब भी क्राइम ब्रांच किसी गैंग को पकड़ती है तो फिर बचे हुए बदमाशों को भी थाने के जिम्मे छोड़ दिया जाता है।

लॉ एंड आर्डर में बिजी

वहीं दूसरी और थानों की पुलिस पर जब किसी मामले में बदमाशों की गिरफ्तारी का प्रेशर पड़ता है तो कुछ एक्टिवनेस दिखाते हैं लेकिन उसके बाद दूसरे मामलों में उलझ जाते हैं। ज्यादातर मामलों में पुलिस लॉ एंड आर्डर में उलझना बताती है, क्योंकि बरेली में आए दिन त्योहारों व फंक्शन में डयूटी पर लग जाती है और फिर बदमाश आराम से घूमने लगते हैं।

गैंग के सभी सदस्यों को पकड़ने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। टीमें लगी हैं। दूसरे जिलों के बदमाश होने की वजह से वक्त लगता है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार किया जाएगा।

मुनिराज जी, एसएसपी