- ट्रासंपोर्ट मुख्यालय ने जारी किया आदेश, सिर्फ ई-चालान के जरिए ही होगी कार्रवाई

GORAKHPUR: तमाम विभागों की तरह अब आरटीओ भी पेपरलेस होने की दौड़ में शामिल हो गया है। पेपरलेस वर्क कल्चर को बढ़ावा देने के लिए अब आरटीओ ने अब मैनुअल चालान पर रोक लगाते हुए सिर्फ ई- चालान करने का निर्णय लिया है। इसके लिए लखनऊ मुख्यालय में एनफोर्समेंट टीम को इसकी ट्रेनिंग भी दी जा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक उड़नदस्ता टीम को ई- चालान करने के लिए मुख्यालय से आई पैड व मिनी प्रिंटर दिए गए हैं। जिससे टीम स्पॉट पर ही ऑनलाइन वाहन का ई- चालान कर चालक को रसीद दे सके। साथ ही एआरटीओ एनफोर्समेंट ई- चालान में पारदर्शिता लाने के लिए वाहन की फोटो खींचकर मुख्यालय की वेबसाइट पर भेजेंगे।

शत प्रतिशत का टारगेट

आरटीओ अधिकारियों के मुताबिक एनफोर्समेंट को 100 प्रतिशत ई- चालान करने का आदेश दिया गया है। वहीं मैनुअल चालान को पूरी तरह से खत्म करने का निर्देश जारी किया गया है। हालांकि अगर किसी दशा में मशीन खराब हो जाती है या तकनीकी दिक्कत हो तो मैनुअल चालान किया जा सकेगा। अधिकारियों के मुताबिक मैनुअल चालान में कई बार वाहन स्वामी चालान करने वाली टीम पर बिना गलती के चालान करने का आरोप लगाते हैं। लेकिन ई- चालान से यह समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। टीम के एक क्लिक करने पर वाहन की पूरी डिटेल सामने होगी। इसके साथ ही एनफोर्समेंट टीम वाहन का फोटो खींच कर मुख्यालय को भेज देंगे। इससे वाहन स्वामी बाद में टीम पर किसी तरह का आरोप नहीं लगा सकेगा।

यह होगा फायदा

- अब सभी तरह के कागज और अन्य डिटेल ऑन लाइन होगी।

- आरटीओ के बाबू ई-चालान में कमाई नहीं कर सकेंगे।

- ई चालान में गाड़ी का नंबर डालते ही उसकी पूरी जानकारी सामने आ जाएगी।

- ई-चालान में सिर्फ फोटो और अफेंस डालना होगा।

- अफेंस के डालते ही जुर्माने की राशि अपने आप प्रदर्शित होने लगेगी।

- ड्राइविंग लाइसेंस का नंबर डालते ही सारी जानकारियां मिल जाएंगी।

- ई-चालान से एनफोर्समेंट टीम जिस वाहन स्वामी या वाहन चालक के वाहन का चालान करेंगे, उसका ऑटोमेटिक खाता खुल जाएगा।

- चालान कटते ही उसके बारे में सारी जानकारी मोबाइल एप खुद बता देगा।

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वर्जन

एनफोर्समेंट टीम को 100 प्रतिशत ई-चालान करने का निर्देश दिया गया है। मैनुअल चालान को पूरी तरह से खत्म कर पेपरलेस किया जा रहा है। जिससे कि कार्रवाई में पूरी तरह पारदर्शिता बनी रहे।

- डीडी मिश्रा, आरटीओ एनफोर्समेंट