-राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 62वीं समीक्षा बैठक में लिया गया निर्णय

PATNA: अब बैंकों की ग्रेडिंग और रेटिंग नए सिरे से तय की जाएगी। बैंकों को निर्देश दिया गया है कि रबी के मौसम में सघन अभियान चलाकर इस साल क्भ् लाख नए किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी करे तथा म्क् लाख क्रेडिट कार्ड धारक किसानों की एटीएम की सुविधा प्रदान करे। ऋण देने में कोताही करने वाले बैंकों से सरकारी लेन-देन नहीं की जाएगी। ये कहना है प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील मोदी का। वे शनिवार को राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की म्ख्वीं समीक्षा बैठक में विकास को लेकर चर्चा कर रहे थे।

समूहों के काम की प्रशंसा

डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में स्वयं सहायता समूह का काम काफी संतोषजनक है। म्.90 लाख समूह बने हैं जिनमें से भ् लाख का खाता खोला जा चुका है। समूह को बैंकों ने फ्700 करोड़ का ऋण दिया है जिसकी वसूली दर 98 प्रतिशत है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ने वाले आमतौर पर गरीब तबके के लोग होते हैं।

क्0 बैंक शाखा पर क् आधार केंद्र

सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है हर क्0 बैंक की शाखा पर एक आधार केन्द्र खोलें। फ्क् दिसंबर तक भ्ब्ख् आधार केन्द्र बैंक शाखाओं में खोला जाएगा। फ्ख् लाख मनरेगा मजूदरों के खाते को आधार से लिंक करना है, लेकिन अभी मात्र ख्ब् परसेंट खाते को ही आधार से जोड़ा जा सका है। इसके अलावा सरकार की तमाम योजनाओं के लाभुकों के खातों को आधार से जोड़ कर डीबीटी के जरिए ही उन्हें राशि दी जा रही है।

डिजिटल लेन-देन बढ़ी

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने को बैंकों को निर्देश दिया गया है। पूरे देश में इस साल ख्भ्00 करोड़ के डिजिटल लेन-देन का लक्ष्य है जबकि बिहार का टारगेट क्ब्8 करोड़ है। बैंकों को निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक का तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया गया है। सरकारी विभागों के बैंक खातों की समीक्षा के बाद संख्या कम की जाएगी। इसके लिए सभी विभागीय प्रमुखों से वित विभाग ने खातों के डिटेल्स मांगे गए हैं।

नए मानक पर जमा होगी सरकारी राशि

डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) की म्ख् वीं समीक्षा बैठक में कड़ा निर्देश जारी किया है। उन्होंने कहा राज्य सरकार का सहयोग नहीं करने वाले एवं ऋण देने में कोताही बरतने वाले बैंकों में सरकारी धन जमा नहीं होगा। इसके लिए दिसम्बर में बैंकों में सरकारी राशि रखने के लिए नए सिरे से मानक तय होंगे। राज्य सरकार ने यह हिदायत भी दी है कि जरूरत पड़ी तो राज्य में कार्यरत बैंकों के परफॉरमेंस रिकार्ड भी वित्त मंत्रालय से मांगे जाएंगे।

इन बिंदुओं पर दिया निर्देश

-राज्य में बैंकों के लचर प्रदर्शन के बारे में वित्त मंत्रालय को भी जानकारी दी जाएगी।

-जरूरत पड़ी तो उनके बैकिंग कार्यो के बारे में वित्त मंत्रालय से रिकार्ड भी निकाले जाएंगे।

-उन बैंकों को आईना दिखाया जाएगा जो सरकार के प्रति असहयोग का रवैये अपनाते हैं।

-बैंकों में सरकारी जमा राशि के घोटाले में बैंक कर्मियों की भूमिका भी पाई जा रही है।