- यूपी गवर्नमेंट के निर्देश पर डीएम की अध्यक्षता में बनाई जाएगी कमेटी

GORAKHPUR: स्कूल वैन या बस से जाने वाले बच्चों के सुरक्षा की जिम्मेदारी डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी निभाएगी. प्रदेश सरकार के निर्देश पर अब सेफ्टी कमेटी बनाई जाएगी जिसकी पूरी जिम्मेदारी डीएम, एसएसपी और आरटीओ की होगी. बता दें, दिल्ली और तमिलनाडु की तर्ज पर यूपी गवर्नमेंट ने स्कूली वाहनों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए मानक तय कर दिए हैं. अब तक उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार स्कूली वाहनों पर कार्रवाई होती थी. अब नए नियम तय हो जाने से स्कूलों से वाहनों की संबद्धता से लेकर उनके परमिट देने में पारदर्शिता तक बढ़ जाएगी. इसके अलावा स्कूल बस और वैन संचालकों को ड्राइवर और कंडक्टर के साथ एक अटेंडेंट भी रखना होगा.

स्कूलों की भी होगी जिम्मेदारी

परिवहन विभाग के पास स्कूली वाहनों से चलने वाले बच्चों की सुरक्षा के लिए अपनी कोई नियमावली नहीं थी. अब परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला ने ऐसे वाहनों को नियमों से बांधने का काम पूरा कर लिया है. इस मामले में गुरुवार को अधिसूचना भी जारी कर दी गई. इसके तहत हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में सेफ्टी कमेटी बनेगी. इसमें एसएसपी उपाध्यक्ष होंगे और आरटीओ को उसका मेंबर बनाया गया है. प्रमुख सचिव ने स्कूल प्रबंधन को अब ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए मोटरयान नियमावली में संशोधन करके उनकी भी जिम्मेदारी तय कर दी है.

सेफ्टी कमेटी में होंगे आठ मेंबर

डीएम की अध्यक्षता में बनने वाली कमेटी में आठ मेंबर होंगे. डीएम, एसएसपी व आरटीओ के अलावा नगर आयुक्त या नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी, बीएसए, डीआईओएस भी उसके सदस्य होंगे. साथ ही स्कूल स्तर पर भी परिवहन सेफ्टी समिति गठित की जाएगी. इसमें स्कूलों के प्राधिकारी जहां अध्यक्षता करेंगे, वहीं डीएम के नामित अफसर को उसका मेंबर बनाया जाएगा. उस इलाके के थाने के एसओ व चौकी इंचार्ज को भी कमेटी में शामिल किया जाएगा.

स्कूल का वाहन स्वामियों के साथ होगा करार

मोटरयान नियमावली में संशोधन के बाद अब प्रदेश के प्रत्येक स्कूल को दूसरे के नाम पर रजिस्टर्ड वाहनों के मालिकों के साथ करार करना पड़ेगा. पक्का एग्रीमेंट होने के बाद ही वे वाहन चला सकेंगे. इसके अलावा उन्हें एसएसपी से चरित्र प्रमाणपत्र भी बनवाना होगा.

ये होगा मानक

- स्कूली बसों को परमिट तभी मिलेगा जब उनमें जीपीएस लगा होगा.

- साथ ही बस में स्पीड गवर्नर लगाकर उनकी गति अधिकतम 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित कर दी जाएगी.

- बसों में सीसीटीवी लगाने के लिए अगस्त महीने तक की मोहलत दी गई है.

- अगर उसके बाद बसों में सीसीटीवी एक्टिव नहीं मिले तो परमिट रद कर दिया जाएगा.

- स्कूली बसों के ड्राइवरों को यूनिफॉर्म के साथ ही नेम प्लेट लगाना जरूरी है.

- ड्राइवर खाकी पैंट-शर्ट पहनेंगे, जबकि कंडक्टर को नेवी ब्लू कलर ड्रेस होगी.

- महिला केंडक्टर होंगी तो उन्हें नेवी ब्लू कलर की साड़ी पहननी होगी.

वर्जन

स्कूली वैन और बसों के लिए परिवहन सचिव की तरफ से जो निर्देश आया है उसका पालन किया जाएगा. स्कूली वैन और बसों की मनमानी नहीं चलेगी.

- के विजयेंद्र पांडियन, डीएम