-अनियमितता के आरोपों की लोक शिकायत निवारण कानून के तहत हुई सुनवाई

-अध्यक्ष को नहीं मिली नोटिस, राजस्व विभाग ने उनका पक्ष रखा

क्कन्ञ्जहृन्: भूदान यज्ञ कमेटी के अध्यक्ष शुभमूर्ति के खिलाफ लगे आरोपों की सुनवाई राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पूरी कर ली है। कोई अंतिम निर्णय लेने की बजाय इसे मंत्रिमंडल सचिवालय को भेज दिया गया है क्योंकि अध्यक्ष को मंत्री का दर्जा प्राप्त है और उनकी नियुक्ति की अधिसूचना मंत्रिमंडल सचिवालय से निकली है। शुभमूर्ति ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें तो कोई नोटिस भी नहीं भेजी गई।

21 लाख रुपए अनियमितता का आरोप

मामले की सुनवाई लोक शिकायत निवारण कानून के तहत हुई है। कुल छह में से किसी भी सुनवाई के दौरान शुभमूर्ति बुलाए नहीं गए। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अवर सचिव सुनवाई में उपस्थित हुए। मधेपुरा के कुमार ओम प्रकाश ने 15 दिसंबर, 2017 को दर्ज परिवाद में भूदान यज्ञ समिति के अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने 2008-09, 2010-11 एवं 2011-12 के दौरान 21.39 लाख रुपए की अनियमितता की है। भागलपुर के पीरपैंती प्रखंड के किसानों की 5 एकड़ भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की प्रथम किस्त 33 लाख रुपए और दूसरी किस्त 60 लाख रुपए को अन्य मदों में खर्च करने का भी आरोप है।

लग्जरी गाड़ी खरीदने का भी आरोप

कुमार ओम प्रकाश ने यह भी कहा है कि भागलपुर में एनटीपीसी से प्राप्त मुआवजे की राशि को भी उन्होंने अन्य मद में खर्च किया है और एक लग्जरी गाड़ी भी खरीदी है। शुभमूर्ति ने कहा कि अनियमितता के इन आरोपों की जांच पूर्व में महालेखाकार कार्यालय कर चुका है और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है। उनके मुताबिक, मुआवजे की राशि का विचलन नहीं किया गया है, बल्कि प्रमाण-पत्र में गड़बड़ी पाए जाने के कारण राशि का भुगतान रोक दिया गया है। यह राशि अभी भी समिति के पास है। उन्होंने स्वीकार किया कि एक वाहन की खरीद हुई है, लेकिन यह समिति की सम्पत्ति है। बात पर आश्चर्य जताया कि सुनवाई के संबंध में उन्हें क्यों नहीं जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मैंने अन्य सूत्रों से लोक शिकायत निवारण कानून के तहत हुए फैसले की प्रति हासिल की है।