परीयोजना को मिली हरी झंडी

दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा के साथ मिलकर आइटीओ छठ घाट के पास ट्रैश स्किमर को हरी झंडी दिखाकर यमुना की सफाई की शुरुआत कराई। इस ट्रैश स्कीमर की मदद से यमुना से ठोस कचरा निकाला जाएगा। इस दौरान उमा भारती ने कहा कि मथुरा और वृंदावन तक यमुना में राजधानी का कचरा जाता है। वहां काफी पर्यटक पहुंचते हैं। वहां तक कचरा न जाए, यह सुनिश्चित करना दिल्ली की जिम्मेदारी है।

कपिल मिश्रा ने कहा की ऐतिहासिक है साथ आना

उन्होंने कहा कि प्रयाग तक यमुना नदी को साफ करना है। यमुना की सफाई के लिए केंद्र और दिल्ली मिलकर काम करेंगे। नदियां किसी भी शहर की पहचान होती हैं। यमुना को दिल्ली का पहचान बनाना है। केंद्र ने गंगा और उससे संबंधित नदियों की सफाई का बीड़ा उठाया है। दिल्ली देश की राजधानी है, जहां जल संसाधन मंत्रालय और राष्ट्रीय गंगा सफाई मिशन का कार्यालय भी है। इसलिए दिल्ली में यमुना की सफाई किए बगैर देश में नदियों की सफाई संभव नहीं है। इसलिए पहले दिल्ली से नदियों को साफ करने की योजना शुरू की जा रही है। यमुना को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ वजीराबाद से ओखला तक उसके किनारों को आकर्षक बनाया जाएगा। नदी किनारे खूबसूरत फूल भी लगाए जाएंगे।

अब तक 3000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके है यमुना सफाई में

उमा भारती ने कहा कि गंगा की सफाई के लिए अब तक 4000 करोड़ और यमुना की सफाई के लिए 3000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यह राशि जापानी कंपनी जीका की मदद से खर्च की गई, फिर भी नदियां साफ नहीं हो पाई। नमामि गंगे परियोजना के तहत नदियों के उद्धार के लिए 20 हजार करोड़ की राशि सरकार ने पास की है। यमुना एक्शन प्लान-3 के तहत नमामि गंगे परियोजना से दिल्ली में तीन ट्रंक सीवर लाइनों के नवीनीकरण, रिठाला सीवेज शोधन संयंत्र का जीर्णोद्धार और आइटीओ छठ घाट को खूबसूरत बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यमुना में कचरा गिरा रहे नालों के पानी के शोधन और नदी की सफाई के लिए करीब 800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त परियोजना को भी जल्द मंजूरी दी जाएगी ताकि सीवेज के पानी को शोधित करने के बाद ही नालों में छोड़ा जाए।

साढ़े चार करोड़ की है ट्रैश स्किमर

यमुना की सफाई के लिए लाई गई ट्रैश स्किमर मशीन की कीमत साढ़े चार करोड़ रुपये है। इसका निर्माण विदेश में होता है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ने कहा कि एक कंपनी ने 50 लाख में स्वदेशी ट्रैश स्किमर विकसित करने को कहा है। यदि कोई कंपनी देश में इसका निर्माण करती है तो उसे बढ़ावा दिया जाएगा। फिलहाल यमुना में एक ट्रैश स्किमर से जलकुंभी, ठोस कचरा और शैवाल को निकाला जाएगा। इससे प्रतिदिन 10 टन कचरा निकल सकता है। फिलहाल यह ट्रैश स्किमर 10 दिन तक आइटीओ पुल से लेकर मेट्रो पुल के बीच यमुना में सफाई करेगी। सरकार तीन से चार ट्रैश स्किमर और खरीदने पर विचार कर रही है।

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