-राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी शिफ्ट करने का दिया था आदेश

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र्रून्स्नस्नन्क्त्रक्कक्त्र/क्कन्ञ्जहृन्: बालिका गृह कांड में अब तक की कार्रवाई का जायजा लेने केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग, मंत्रालय एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग की संयुक्त टीम शुक्रवार को मुजफ्फरपुर पहुंची। टीम सबसे पहले बालिका गृह पहुंची। यहां सील होने की वजह से टीम अंदर नहीं जा सकी। बाहर से ही स्थल का निरीक्षण किया। केंद्रीय टीम ने राज्य की टीम से जानकारी ली। राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रेमा शाह ने बताया कि पहले जब यहां निरीक्षण किया गया था तो यहां की खामियों को देखते हुए बालिका गृह को इस भवन से स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था। लेकिन संचालक ने ऐसा नहीं किया। टीम ने बालिकाओं की हत्या कर दफनाने की जानकारी पर की गई खुदाई को भी देखा। बताया गया कि मिट्टी को फारेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

डीएम से ली पूरी जानकारी

टीम वहां से फिर मुजफ्फरपुर समाहरणालय पहुंची। यहां जिलाधिकारी मो। सोहैल से कई बिंदुओं पर जानकारी ली। डीएसपी नगर और बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक ललिता कुमारी से भी केस के सिलसिले में जानकारी ली। केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग की सदस्य गौरी शंकर ने कहा महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी इस मामले में काफी गंभीर हैं। उनके निर्देश पर टीम यहां आई है। मामले से जुड़े हर बिंदु की जानकारी ली जा रही। साथ ही सभी गहराई से अध्ययन की जा रही है। टीम मुजफ्फरपुर के बाद पटना रवाना हो गई। केंद्रीय टीम में आयोग की सदस्य गौरी शंकर, पूजा जसवानी, हिमानी नॉटियाल व डॉ। आरजी आनंद थे। राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम में सदस्य प्रेमा शाह और उषा कुमारी थीं।