-टीडीएस की जगह अब टीसीएस के तहत देना होगा टैक्स

-पेमेंट के बाद ही 2 प्रतिशत काट लेंगे

टैक्स

-सभी तरह के टेंडर के पेमेंट में देना होगा टैक्स

GORAKHPUR: सरकार ने जीएसटी में बड़ा बदलाव कर ठेकेदारों को भी इसके जद में ले लिया है। अब सरकारी विभागों व नगरीय निकाय में सप्लाई एवं निर्माण भुगतान करने पर 2 प्रतिशत टीडीएस काटना अनिवार्य होगा। कोई भी टेंडर जिसकी अमाउंट 2.5 लाख से अधिक होगी, उस पर 2 प्रतिशत की दर से टीडीएस लिया जाएगा। अभी तक सरकारी विभाग सप्लाई या अन्य भुगतान के लिए ठेकेदार या आऊट सोर्स एजेंसी को बगैर टीडीएस काटे भुगतान कर रहे थे। केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी होने के बाद 1 अक्टूबर के पहले सभी विभागों को अपने टीन नम्बर को जीएसटीएन में बदलना होगा। 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू होने के बाद वैट अधिनियम के तहत 2 प्रतिशत टीडीएस कटौती बंद कर दी गई थी। सरकारी डिपार्टमेंट बिना टीडीएस कटौती किए ही भुगतान कर रहे थे।

14 महीने बाद लगेगा टीडीएस

सरकार ने 14 महीनें बाद भी जीएसटी में दो प्रतिशत कटौती करने का आदेश दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद से अभी तक ठेकेदारों को टीडीएस से राहत मिली हुई थी। 2.5 लाख से अधिक अमाउंट के टेंडर के भुगतान पर 2 प्रतिशत टीडीएस का भुगतान करना होगा। कटौती के सात दिन के अंदर विभाग ठेकेदार को प्रमाण पत्र जारी करेंगे। इसको ठेकेदार अपने रिर्टन के साथ प्रस्तुत करेंगे।

जुर्माना भी लगेगा

जीएसटी में सरकारी विभागों को कटौती के बाद सात दिनों के अंदर पेपर्स जारी करना होगा। पत्र में पेमेंट की डिटेल के साथ ही टीडीएस का भी विवरण होगा। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो उस पर प्रतिदिन 100 रुपए व अधिकतम 5 हजार की दर से जुर्माना लगाया जाएगा। जीएसटी में विभागों को रिर्टन फाइल करने के लिए सरकार ने माह की 10 तारीख निर्धारित की है। इस व्यवस्था को 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा। इसके तहत सभी सरकारी विभागों को अब जीएसटी में दो प्रतिशत की कटौती करने के बाद भुगतान करना है। इसके लिए सभी सरकारी विभागों, नगरीय निकाय व प्राधिकरणों को 1 अक्टूबर के पहले अपने टिन नम्बर की जगह जीएसटी लेना होगा।

वर्जन-

जीएसटी के दायरे में अब ठेकेदारों को भी लाया गया है। अब हर सरकारी विभागों को 2.5 लाख से अधिक भुगतान पर 2 प्रतिशत जीएसटी देना होगा।

रवि सेठ, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1