RANCHI: रसोई गैस कनेक्शन और मुफ्त बिजली कनेक्शन देने के साथ-साथ अब सिटी के लोगों के लिए सोलर कुकिंग सिस्टम पर भोजन तैयार करने की व्यवस्था की जा रही है। केन्द्र सरकार की योजना पर अमल करते हुए राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने सोलर कुकिंग सिस्टम देने की तैयारी शुरू कर दी है। सिटी के लोगों को 50 हजार रुपए वाला सोलर पीवी कुकिंग सिस्टम दिया जाएगा, जिस पर केंद्र सरकार 30 फीसदी की सब्सिडी भी मुहैया कराएगी। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा (एमएनआरई) मंत्रालय ने सोलर कुकिंग सिस्टम योजना को अंतिम रूप दे दिया है। राज्य सरकार भी अपनी तरफ से सोलर कुकिंग सिस्टम लेने वालों को सब्सिडी उपलब्ध कराने वाली है। जानकारों की मानें तो सोलर पीवी कुकिंग सिस्टम की बैट्री को पांच साल बाद बदलने की जरूरत पड़ सकती है।

एलपीजी से कम खर्च

सोलर पीवी कुकिंग सिस्टम से एलपीजी से कर्म खर्च पर खाना पकाया जा सकेगा। उपभोक्ता सोलर पीवी कुकिंग सिस्टम पर सब्सिडी के बाद बची राशि का आसान किस्तों में भुगतान कर सकते हैं। इन किस्तों का भुगतान एलपीजी सब्सिडी के जरिए भी किया जा सकता है। उपभोक्ता को अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़नी होगी।

बाजार से नदारद हुआ सोलर कुकर

राजधानी के कई व्यवसायी बाहर से सोलर कुकर का व्यवसाय तेज करने के प्रयास में हैं लेकिन देश के प्रमुख बाजारों की खाक छानने पर भी यह नहीं मिल रहा है। दिल्ली के लक्ष्मी नगर, शाहदरा, लाजपत नगर, करोलबाग और एशिया के सबसे बड़े थोक मार्केट सदर बाजार से भी सोलर कुकर नदारद हैं।

ऐसे मिलेगी सब्सिडी

चार- पांच सदस्यों के परिवार के लिए सिस्टम की कीमत करीब 50 हजार होगी। इसमें केन्द्र व राज्य सरकारों की सब्सिडी के बाद उपभोक्ता को 35 हजार देना पड़ेगा।

ऐसे काम करेगा

सोलर पीवी कुकिंग सिस्टम पर सभी तरह के पकवान बना सकते हैं। यह बिल्कुल बिजली के इंडक्शन कुकर की तरह काम करेगा। सोलर पैनल से बिजली लगातार चार्ज कंट्रोलर में आएगी। चार्ज कंट्रोलर के साथ बैट्री लगी होगी जो सूर्य का प्रकाश खत्म होने पर कुकर को बिजली मुहैया कराएगी। चार्ज कंट्रोलर के साथ रेजोनेंट कनवर्टर होगा। यह डीसी को एसी में बदल कर इंडक्शन कुकर को सप्लाई कर देगा। चार-पांच सदस्यों के परिवार के लिए खाना बनाया जा सकता है।

वर्जन

निर्देश के बाद कार्यवाही तेज की जाएगी। लोगों द्वारा सोलर एनर्जी और उसके प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से प्रदूषण नियंत्रण के साथ-साथ बिजली, कोयले की खपत में भी भारी कमी आ सकती है।

राय महिमापत रे, डीसी, रांची