PATNA: एक सितंबर 2005 या इसके बाद नियुक्त सरकारी सेवकों (अंशदान पेंशन वाले सेवक) की विधवा या दूसरे आश्रितों को सरकार विशेष पारिवारिक पेंशन देगी। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी यदि सक्रिय कर्तव्य निर्वहन करते हुए उग्रवादी या अन्य ¨हसक वारदात में मारे जाते हैं तो संबंधित सेवक के आश्रित को दस लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा पर नौकरी और इसके अलावा सेवक की पत्नी को विशेष पेंशन दी जाएगी। यदि पत्नी नहीं हैं तो ऐसी स्थिति में उनके बच्चों की गणना करते हुए अधिकतम 2500 रुपये बतौर पेंशन दिए जाएंगे। यह लाभ बच्चों को अधिकतम 25 वर्ष की उम्र तक ही दिया जाएगा।

लोक शिकायत निवारण की तर्ज पर नया कानून

कैबिनेट के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिमंडल ने सरकारी सेवकों की नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति के बाद सेवांत लाभों के भुगतान से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली 2019 के गठन और जिला एवं मुख्यालय में शिकायत निवारण पदाधिकारियों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।

अब फाइलों में दम नहीं तोड़ेगी कर्मचारियों की शिकायत

सरकारी कर्मचारियों की शिकायतें अब फाइलों में दम नहीं तोड़ेंगी। सेवारत या फिर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की शिकायतों का निपटारा अधिक से अधिक 60 दिन में होगा। सरकार ने लोक शिकायत निवारण कानून की तर्ज पर राज्य कर्मियों के सेवा संबंधी मामलों के निपटारे के लिए बड़ा हथियार सौंप दिया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिकायत निवारण समिति और नियमावली बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

पारा मिलिट्री फोर्स के जवानों को भी इलाज

मंत्रिमंडल ने लोकसभा, विधानसभा के आम चुनावों और उपचुनाव के दौरान चुनाव कार्य में प्रतिनियुक्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों को इलाज की सुविधा देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। चुनावों में यदि किसी ¨हसात्मक घटना या दुर्घटना में या फिर अन्य कारणों से पारा मिलिट्री का जवान घायल होता है या फिर बीमार होता है तो ऐसी स्थिति में संबंधित जवान को सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की दर पर इलाज की सुविधा दी जाएगी।

विधायकों को आइएएस की तर्ज पर स्वास्थ्य जांच सुविधा

मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर विमर्श के बाद बिहार विधान मंडल के सदस्यों, पूर्व सदस्यों को आईएएस की तरह वर्ष में एक बार स्वास्थ्य जांच की सुविधा देने का फैसला किया है। बता दें कि अखिल भारतीय सेवा के पदाधिकारियों को 40 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में एक बार स्वास्थ्य जांच करानी होती है। इस कार्य के लिए पुरूष अफसरों को दो हजार और महिला अफसरों को 22 सौ रुपये दिए जाते हैं।