PATNA: दाखिल-खारिज मामलों के निबटारे के लिए अब डीएम, एडीएम एवं डिप्टी कलेक्टर भूमि सुधार के अलावा सीओ को भी न्यायिक शक्तियां हासिल हो गई हैं। इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने सोमवार को सभी डीएम के नाम एक आदेश जारी किया है। मालूम हो कि ऑनलाइन दाखिल खारिज के मामले में कई जिलों से शिकायतें मिल रही हैं। इसी को दूर करने के लिए इन अधिकारियों को न्यायिक शक्तियां दी गई हैं। हालांकि, प्रावधान पहले से था। लेकिन, उसका उपयोग नहीं हो पा रहा था।

दाखिल खारिज के मामलों में बिहार भूमि दाखिल-खारिज अधिनियम 2011 की धारा-16 अध्याय 9 में वर्णित प्रावधानों का उपयोग किया जाता है। अधिनियम में कहा गया है-समाहर्ता, अपर समाहर्ता भूमि सुधार, उप समाहर्ता तथा अंचल अधिकारी को साक्ष्य ग्रहण करने के लिए किसी व्यक्ति को समन करने और हाजिर कराने का अधिकार है।

सिविल प्रक्रिया की शक्तियां

ये अधिकारी किसी व्यक्ति के शपथ पर परीक्षण करने, दस्तावेजों को पेश करने के लिए बाध्य करने एवं खर्चा दिलाने के मामलों में वही शक्तियां होंगी जो सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के अधीन किसी न्यायालय में निहित हों। ऑनलाइन दाखिल-खारिज याचिकाओं के निष्पादन के दौरान गड़बडि़यों को ठीक करने के लिए बिहार दाखिल-खारिज अधिनियम, 2011 की धारा 16 एवं सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा-152 में वर्णित प्रावधानों के आलोक में कार्रवाई की जाए।