-2.58 करोड़ की लागत से 25 हेक्टेयर में बनेगा केन्द्र

श्चड्डह्लठ्ठड्ड@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

क्कन्ञ्जहृन्: बिहार में लोगों को जंगली हाथियों के आतंक से निजात मिलेगी। केन्द्र सरकार के सहयोग से पश्चिम चंपारण स्थित वाल्मीकिनगर व्याध्र परियोजना (वीटीआर) में 25 हेक्टेयर के एरिया में हाथियों का बचाव सह पुनर्वास केन्द्र बनेगा। इसके निर्माण पर करीब 2. 58 करोड़ रुपये की लागत आएगी और अगले महीने के अंत तक निर्माण प्रारंभ होने की संभावना है। यह प्रदेश का पहला हाथी बचाव सह पुनर्वास केन्द्र होगा। प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में प्रत्येक साल बंगाल, झारखंड एवं पड़ोसी देश नेपाल से हाथी भोजन की खोज में आ जाते हैं। बाढ़ के समय में आनेवाले हाथियों की संख्या काफी बढ़ जाती है। भोजन की तलाश के दौरान हाथी फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं रोकने की कोशिश करने पर लोगों पर हमला भर कर देते हैं। हर साल हाथियों के हमले में जानें भी चली जाती है। इन हाथियों को केन्द्र में रखा जाएगा। पालतू हाथी भी केन्द्र में रखे जाएंगे।

केन्द्र में रखे जाएंगे दस हाथी

केन्द्र में दस हाथी रखे जाएंगे। इसमें तालाब, ट्यूबवेल, रैन बसेरा एवं अन्य सुविधाएं भी होंगी। हाथियों के लिए भरपूर भोजन की व्यवस्था की जाएगी। हर हाथी अलग- अलग हॉल में रखे जाएंगे। प्रारंभ में पांच हाथी को ही रखा जाएगा। पुनर्वास केंद्र में वेटनरी डॉक्टर की टीम रहेगी। आक्रमक हो चुके हाथी को सुधारने के लिए प्रशिक्षित महावत भी रहेंगे। केन्द्र में वन विभाग के अधिकारी तैनात रहेंगे।