RANCHI: रिम्स में अब हर सुविधाओं का हिसाब-किताब रखा जाएगा। इसके तहत बिजली, पानी और बिल्डिंग की मॉनिटरिंग होगी। वहीं तत्काल समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके अलावा वार्डो में लगे पंखे, एसी और लाईट का कोड नंबर दिया जाएगा। जिससे कि खराब होने पर बनाने में परेशानी नहीं होगी। वहीं तत्काल इसका रिकार्ड भी अपडेट होगा। ऐसे में हॉस्पिटल में पुराने हो चुके सामानों की भी जानकारी रहेगी कि सामान कितना पुराना है। इतना ही नहीं, हर दिन विभागों की मॉनिटरिंग भी होगी और समस्या होने पर उसका तत्काल समाधान भी किया जाएगा।

हॉस्पिटल में अब तक नहीं था हिसाब

65 सालों से हॉस्पिटल में लगे लाइट, पंखे और एसी का हिसाब नहीं था। ऐसे में सामान खराब होने पर बार-बार उसकी रिपेयरिंग कराई जाती थी। इसके बाद भी जब सामान ठीक नहीं होता तो उसे बदल दिया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत हरेक सामान का रिकार्ड रहेगा। पता चल सकेगा कि कौन सा सामान कब लगाया गया था। वहीं उसकी रिपेयरिंग में कितना खर्च किया जा चुका है।

बिजली, पानी व बिल्डिंग की दुरुस्त होगी व्यवस्था

1500 बेड वाले हॉस्पिटल में सभी विभागों का अलग वार्ड भी है। लेकिन आए दिन वार्डो में पानी, बिजली और भवन से जुड़ी समस्याएं होती रहती हैं। इसकी कंप्लेन तो तत्काल कर दी जाती है। लेकिन उसे ठीक होने में लंबा समय लग जाता है। पर अब एक टीम इसकी मॉनिटरिंग करते हुए रजिस्टर मेंटेन करेगी। वहीं जिस वार्ड में जो समस्या होगी, उसे तत्काल ठीक कराया जाएगा।

कोड से पता चलेगा किस वार्ड में है समस्या

वार्डो में एक-एक सामान की कोडिंग की जाएगी। इससे प्राब्लम आने पर आसानी से पता चल सकेगा कि किस वार्ड में गड़बड़ी है। ऐसे में समस्या को भी दूर करने में दिक्कत नहीं आएगी और रिकार्ड भी मेंटेन रहेगा। अबतक रिम्स में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। इस वजह से समस्याएं लंबे समय तक रहती थी। जिसका खामियाजा हॉस्पिटल में इलाज करा रहे मरीजों को भुगतना पड़ता था।

वर्जन

हॉस्पिटल की व्यवस्था सुधारने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। चूंकि कई बार ऐसा होता है कि सामान की रिपेयरिंग में इतना खर्च हो जाता है, जितने में नया खरीदा जा सकता है। इसलिए रेगुलर रजिस्टर में एंट्री होगी और खर्च का भी डिटेल रहेगा।

डॉ.संजय कुमार, डीएस, रिम्स