-मजदूरों की स्थिति अब भी गंभीर

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क्चढ्ढ॥न्क्त्रस्॥न्क्त्रढ्ढस्नस्न/क्कन्ञ्जहृन्(18 हृश्र1): कानपुर की फैक्ट्री में ब्वायलर फटने से जिले के 6 मजदूर बुरी तरह से झुलस गए थे। इन मजदूरों का कंपनी प्रबंधन ने इलाज नहीं कराया। झुलसे हुए मजदूर किसी तरह अपने गांव लौटे। यहां शेखपुरा में प्राथमिक चिकत्सा के बाद गंभीर हालत में पीएमसीएच रेफर किया गया। रविवार तक इनमें से 3 मजदूरों की मौत इलाज के दौरान हो गई। जबकि एक अन्य की मौत कानपुर में ही हो चुकी है। पांच अन्य मजदूर की भी स्थिति अभी तक गंभीर बनी हुई है। वहीं तीन लोग अभी तक लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि लोहान गांव निवासी मजदूर सुरेंद्र महतो ने शुक्रवार की रात दम तोड़ा। जबकि शनिवार को सरेखबा मांझी (लोहान) एवं मतलु ¨बद (गगौरा) की मौत हो गयी। चौथे मजदूर दिलीप मांझी की मौत कानपुर में ही इलाज के दौरान हो गयी। इस तरह मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है। मजदूर की मौत के बाद गांव में मातम है। ज्ञात हो कि जिले के लोहान निवासी छह मजदूर कानपुर की फैक्ट्री में ब्वायलर फटने से लगी आग में गंभीर रूप से झुलस गए थे। 6 अन्य मजदूर दूसरे गांव के थे। इनमें से जख्मी तीन मजदूरों को शेखपुरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। जहां गंभीर अवस्था देखते हुए डॉक्टर ने पटना रेफर कर दिया था। इस संबंध में लोहान पंचायत के मुखिया संजीव कुमार ने बताया कि लोहान गांव निवासी संजय राम, सुरेंद्र महतो, दिलीप मोची, सरेखबा मांझी, मतलू ¨बद एवं बौधु मांझी कानपुर केत्रिवेणी साल्वेक्स कंपनी में काम करते थे। इस कंपनी में धान की भूसी से तेल और मवेशी के खाने की खल्ली बनायी जाती थी।