सिलेबस के हिसाब से पढ़ाई और फिर परीक्षा

सीबीएसई और आईएससी की राह पर यूपी शिक्षा विभाग

आगरा। सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। अंग्रेजी बोर्ड की तरह अब प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल में सिलेबस के आधार पर पढ़ाई कराई जाएगी, इसके साथ ही इनकी परीक्षाएं भी सिलेबस के आधार पर चार बार होंगी। शिक्षा विभाग ने परीक्षा व मूल्यांकन को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए ये बदलाव किया है।

कई स्तरों पर होगा मूल्यांकन

शासन की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा की लागू प्रणाली से छात्रों के ज्ञान का सम्यक मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है। बदली हुई व्यवस्था में कई स्तरों पर मूल्यांकन होगा और परिषदीय, मान्यता प्राप्त व सहायता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में परीक्षा की समान प्रक्रिया होगी, इसके साथ ही प्रश्नपत्र भी समान रखे जाएंगे। छमाही व सालाना परीक्षा में सभी छात्रों को छपे पर्चे व कॉपियां मिलेंगी। आठवीं व पांचवी कक्षा की वार्षिक परीक्षा का केन्द्रीय मूल्यांकन होगा।

ऐसे रहेगी परीक्षा व्यवस्था

सत्रीय परीक्षाओं के प्रश्न ब्लैकबोर्ड पर लिखे जाएंगे। स्टूडेंट अपनी कॉपियों पर उत्तर लिखेंगे। छमाही व वार्षिक परीक्षाओं में छपे हुए प्रश्नपत्र दिए जाएंगे। राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद सभी विषयों के मॉडल पर्चे की 25 25 डायट प्राधानाचार्यो को व तीन तीन प्रतियां बीएसए को उपलब्ध कराएगी। इसी के आधार पर प्रश्नपत्र स्कूल प्रबंध समितियां मुद्रित कराएंगी। प्रश्नपत्रों में बहुविकल्पीय, अति लघुउत्तरीय प्रश्न रहेंगे। मॉडल पर्चो के आधार पर पर्चे तैयार करने की जिम्मेदारी डायट प्राचार्य, बीएसए व सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक वाली समिति की होगी। पर्चो का मुद्रण बीएसए, लेखाधिकारी व वरिष्ठतम खंड शिक्षा अधिकारी वाली समिति करेगी।

ये रहेगी मूल्यांकन प्रक्रिया

मूल्यांकन की नई प्रक्रिया के तहत पाचवीं व आठवीं की सालाना परीक्षा का मूल्यांकन केन्द्रीय स्तर पर व शेष का स्कूल स्तर पर होगा। पांचवीं का केन्द्रीय मूल्यांकन दूसरे स्कूलों के शिक्षक न्याय पंचायत संसाधन केन्द्रों पर व आठवीं का मूल्यांकन ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर होगा। कापियां अभिभावकों को भी दिखानी होंगीं।