अभियान: पहाड़ी को बचाना है

फ्लैग: पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने लिया निर्णय, सर्वे के बाद होगी आगे की कार्रवाई

-जल्द ही जीआईएस के दो साइंटिस्ट आएंगे विजिट करने

Highlights

-पहाड़ी की चट्टान व मिट्टी का अध्ययन करेंगे साइंटिस्ट

-जीआइएस कोलकाता के अधिकारियों का दल हाल में किया है विजिट

-पहाड़ी पर कंस्ट्रक्शन की ऑडिट शुरू, हफ्ते भर में आएगी रिपोर्ट

Figures speak

1.6 लाख खर्च होगा सर्वे पर

2 महीने में आएगी सर्वे रिपोर्ट

2 करोड़ फ्लैग पोस्ट पर हुए खर्च

ranchi@inext.co.in

RACNHI(9 July): रांची की ऐतिहासिक पहाड़ी पर निर्माण को लेकर अब जियोलॉजिकल सर्वे होगा। जल्द ही पहाड़ी का विजिट करने जीआईएस के दो साइंटिस्ट रांची आएंगे। दो महीने में रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। यह निर्णय पहाड़ी मंदिर विकास समिति ने लिया है। सर्वे के लिए समिति क्.म् लाख रुपए खर्च भी करेगी। समिति ने बताया कि पहाड़ी की चट्टान व मिट्टी के अध्ययन के लिए जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से राय ली जाएगी। गौरतलब हो कि हाल ही में जीआइएस कोलकाता के अधिकारियों का एक दल रांची पहाड़ी का विजिट भी कर चुका है।

अपरदन रोकने के लिए सर्वे जरूरी

मेकॉन के इंजीनियर व पहाड़ी पर कंस्ट्रक्शन से जुड़े जेके झा ने बताया कि पहाड़ी का लंबे समय तक अपरदन न हो इसके लिए अब जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से राय ली जाएगी। हालांकि, पहाड़ी पर निर्माण को लेकर पहले भी जियो टेक्निकल इन्वेस्टीगेशन कराया गया था। इसमें यह बात सामने आई थी कि पहाड़ी पर निर्माण कराया जा सकता है। फ्0 टन प्रति वर्ग मीटर बोझ डालने की परमिशन मिली है। वहीं, पहाड़ी पर निर्माण को लेकर भूगर्भशास्त्रियों का कहना है कि निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ही यह सब सोचना चाहिए था।

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निर्माण की ऑडिट शुरू

पहाड़ी मंदिर पर निर्माण कार्य को लेकर ऑडिट शुरू हो गई है। फ्लैग पोस्ट लगाने और अन्य निर्माण कार्य की ऑडिट की जा रही है। अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसमें लगभग ख् करोड़ रुपए फ्लैग पोस्ट के लिए खर्च हुए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि एक सप्ताह के अंदर ऑडिट रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी जाए।

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ऐसे रौंदी प्राकृतिक संरचना

-फ्लैग के लिए लगाए जा रहे हाई मास्ट पोस्ट चढ़ाने में कई पेड़ काट दिए गए।

-निर्माण कार्य के दौरान ऊपर से गिरे कंस्ट्रक्शन मैटेरियल से भी पेड़ों को क्षति हुई। -भारी भरकम मशीन ने भी पहाड़ी की जमीन को रौंदा।

-हेवी मशीनों के कारण पहाड़ी की मिट्टी हिल गई।

-पहली बारिश में ही मिट्टी दहने लगी और पेड़ों के जड़ बाहर निकल आए

-प्राचीन पहाड़ी पर निर्माण में करोड़ों खर्च हो चुके हैं. अभी और खर्च करने की तैयारी है

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दरारों को भरने का काम शुरू

अभी हाल ही में बारिश के दौरान हुए मिट्टी के कटाव को रोकने का काम शुरू हो गया है। कटाव के बाद बने गड्ढों में ईंट और बोल्डर डाले जा रहे हैं। पौधरोपण का भी काम हुआ है। करीब ख्00 नए पौधे लगाए गए हैं।