होम मिनिस्ट्री ने रिजर्व बैंक से कहा

होम मिनिस्ट्री ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वह बैंकों से ऐसे एटीएम लेने के लिए कहें जिनमें यह फेसिलिटी हो. इंग्लिश न्यूजपेपर इकॉनॉमिक टाइम्स के मुताबिक आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन, तब के फिनैंशियल सेक्रेटरी राजीव टकरू और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के चेयरमैन केआर कामत के नाम लिखे गए लेटर में गृह मंत्रालय ने कहा था कि भविष्य में ऐसे एटीएम अवेलेबल हों. जिनसे हिंदी और अंग्रेजी दोनों में स्लिप निकलें. एटीएम सप्लाई करने वाली संस्था को मौजूदा एटीएम के सॉफ्टवेयर को हिंदी में भी प्रिंटआउट देने के लिए इंस्ट्रक्शन किया जाए. इसके अलावा एटीएम के फॉरेन सप्लायर्स को मौजूदा एटीएम के सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करके हिंदी में भी प्रिंटआउट निकालने लायक बनाने के लिए कहा जाए.

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज कर रहा है विचार

डिपार्टमेंट ऑफ फाइनैंशल सर्विसेज ने 29 जून को गृह मंत्रालय को जवाब दिया है कि इस बारे में विचार किया जा रहा है. होम मिनिस्ट्री के स्पोक्स पर्सन ने भी इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले को देखेंगे. इश्यू यह है कि एटीएम से निकलने वाली रिसीट का प्रिंटआउट उस भाषा में निकले, जिसमें उसका इस्तेमाल हो रहा हो.

एक ही वेंडर कंपनी से ली जा सकती है एटीएम

ज्यादातर एटीएम से अंग्रेजी में ही रिसीट निकलती है. भले ही ट्रांजैक्शन हिंदी में किया गया हो. इस मामले में होम मिनिस्ट्री के कदम उठाने से हो सकता है कि इंडियन बैंक्स को एटीएम सप्लाई का काम एक वेंडर कंपनी तक लिमिटेड हो जाए. राजन और टकरू को भेजे गए लेटर में साफ किया गया है कि इंडियन बैंकिंग सेक्टर में इस्तेमाल हो रहे एटीएम मुख्य रूप से तीन एमएनसी- एनसीआर, विनकॉर और डायबोल्ड से आउटसोर्स की जा रही हैं. पत्र में कहा गया है कि इनमें से दो कंपनियों की मशीनों के सॉफ्टवेयर में हिंदी में प्रिंट करने की फेसिलिटी नहीं है.

डायबोल्ड के एटीएम में है यह सुविधा

लेटर के मुताबिक यूनियन बैंक ने जो एटीएम डायबोल्ड से ली हैं, सिर्फ उन्हीं में हिंदी के अलावा बांग्ला, तमिल और मलयालम सहित सात रीजनल लैंग्वेजेज में प्रिंट आउट लेने की सुविधा है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मिनिस्ट्री को लेटर लिखकर बताया है कि नैशनल कैपिटल रीजन और विनकॉर के एटीएम में यूज होने वाले सॉफ्टवेयर 'बहुत पुराने' हैं और उनसे सिर्फ अंग्रेजी में प्रिंट निकलते हैं. मंत्रालय ने आरबीआई को भेजे पत्र में इस लेटर को भी अटैच किया था.

हिंदी को लेकर सख्त है सेंट्रल गवर्नमेंट

मिनिस्ट्री का कहना है कि इससे गव्रनमेंट की ऑफिशियल लैंग्वेज पॉलिसी पर रुख साफ नहीं होता. होम मिनिस्ट्री ने फिनैंस मिनिस्ट्री, इंडियन बैंक्स असोसिएशन और आरबीआई को भेजे लेटर में लिखा है कि इस प्रॉबल्म का मुख्य कारण यह है कि एटीएम के लिए बैंकों की तरफ से दिए जाने वाले टेंडर में यह नहीं लिखा होता है कि उनको अंग्रेजी के अलावा हिंदी और रीजनल लैंग्वेजेज में भी प्रिंटआउट की जरूरत होगी. सेंटर की ऑफिशियल लैंग्वेज पॉलिसी के मुताबिक बैंकों को ऐसे एटीएम लेने होंगे, जिनमें अंग्रेजी और हिंदी दोनों में काम करने की सुविधा होगी.

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