- छत्तीसगढ़ के सुकमा में जवानों को उड़ाने के बाद झारखंड में घुसने की फिराक में हैं माओवादी

-पोलिंग बूथ के स्टाफ्स व ऑफिसर्स को किडनैप करने का भी बनाया है प्लान

RANCHI : छत्तीसगढ़ के सुकमा में जवानों के साथ खून की होली खेलनेवाला माओवादियों का ग्रुप अपने टेरर के साथ अब झारखंड में एंटर करने की फिराक में है। खुद सेंट्रल गवर्नमेंट की होम मिनिस्ट्री ने इस इनफॉर्मेशन को कन्फर्म किया है। छत्तीसगढ़ की स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के मुताबिक, माओवादियों के गुरिल्ला दस्ते की कुछ टुकडि़यों ने झारखंड में अपनी दस्तक दे दी है। इस टीम को अपने सहयोगी सुरेंद्र, रामन्ना के साथ माओवादी घटना को अंजाम देनेवाली दंडकारण्य जोनल कमिटी का देवा लीड कर रहा है। हालांकि, इस संबंध में झारखंड पुलिस ने किसी भी तरह की इनफॉर्मेशन होने से इनकार किया है।

किडनैपिंग व ब्लास्ट का है प्लान

सोर्सेज के मुताबिक, माओवादियों ने अपने गुरिल्ला दस्ते के थ्रू झारखंड के क्8 नक्सल अफेक्टेड डिस्ट्रिक्ट्स में खूनी होली खेलने के साथ-साथ पोलिंग बूथ के स्टाफ्स व ऑफिसर्स को किडनैप करने का प्लान बनाया है। बताया जा रहा है कि नक्सली अपने इस प्लान के तहत वैसे डिस्ट्रिक्ट्स के जंगलों को ठिकाना बनाने की सोच रहे हैं, जहां पुलिस एक्टिविटी कम है।

साल ख्0क्ख् में खेला था खूनी खेल

साल ख्0क्ख् में ओडि़शा, छत्तीसगढ़ और झारखंड में अपनी धमक दिखते हुए माओवादियों ने हमले किए। इन हमलों में करीब फ्00 आमलोग मारे गए थे, जबकि क्क्ब् जवान शहीद हो गए थे। पुलिस की कार्रवाई में 7ब् नक्सलियों के मारे जाने का रिकॉर्ड है। वहीं, दो हजार से भी ज्यादा नक्सलियों को पकड़ा गया। आंकड़े बताते हैं कि क्फ्ब् हमले पुलिस फोर्स ने नक्सलियों पर किए। क्0 जून, ख्009 को झारखंड के वेस्ट सिंहभूम के गोइलकेरा थाना क्षेत्र के सारूगढ़ा घाटी (सारंडा जंगल) में माओवादियों ने लैंडमाइन ब्लास्ट किया था। इसमें थाना प्रभारी, सीआरपीएफ के इंस्पेक्टर समेत क्क् जवान शहीद हो गए थे। क्क् अप्रैल, ख्009 को खूंटी के अड़की थाना के जरको गांव में एन्काउंटर के दौरान पांच पुलिसकर्मी मारे गए। लास्ट ईयर लातेहार में नक्सलियों ने पुलिस पार्टी पर हमला बोलकर कई जवानों को मौत के घाट उतार दिया था।

क्या कहते हैं आंकड़े?

उग्रवाद के आंकड़ों पर काम करनेवालों के मुताबिक, देश के कुल म्ब्0 डिस्ट्रिक्ट्स में ख्भ्ख् डिस्ट्रिक्ट्स माओवादी, रिलीजियस और एथनिक रैडिकलिज्म या टेररिज्म से अफेक्टेड हैं। इनमें से क्7फ् डिस्ट्रिक्ट्स में माओवादियों का इन्फ्लूएंस है। यानी, ज्यादातर डिस्ट्रिक्ट्स में माओवादी इन्फ्लूएंशियल हैं। हाल-हाल तक माना जा रहा था कि माओवादियों पर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने कंट्रोल पाने में सक्सेस हासिल कर ली है। क्99ब् के बाद पहली बार साल ख्0क्ख् में ही माओवादी हमले में कैजुअल्टी की संख्या थ्री डिजिट्स में लगभग 80ब् पहुंची थी। साल ख्0क्ख् की तरह और क्भ्वीं लोकसभा के लिए हुए इलेक्शंस के दौरान वॉइलेंट एक्शन करने के बाद अब साल ख्0क्ब्, यानी क्म्वीं लोकसभा के लिए होनेवाले जेनरल इलेक्शंस से पहले खून-खराबा करने की आशंका जाहिर की गई है।

नेपाल से फैला है रेड टेरर

माओवादियों का रेड टेरर पड़ोसी देश नेपाल से इंडिया में फैला है। नॉर्थ में स्थित नेपाल और इंडिया के साउथ में स्थित स्टेट आंध्रप्रदेश के बीच आनेवाले करीब नौ स्टेट्स इस रेड टेरर के साए में आ चुके हैं। माओवादियों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, वेस्ट बंगाल, ओडि़शा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश को मिलाकर एक रेड कॉरिडोर बना दिया है।