- फिजियोलॉजी विभाग में स्थापित की गई स्लीप लैब

- फिजियोलॉजी के डॉक्टर भी चलाएंगे ओपीडी

- केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग में मनाया गया स्थापना दिवस

LUCKNOW: खर्राटे व नींद के दौरान होने वाली अन्य दिक्कतें आज बड़ी समस्याएं बनती जा रही हैं। इनके कारण व्यक्ति को हार्ट, लिवर, किडनी, चिड़चिड़ापन सहित अन्य दिक्कतें भी बढ़ती हैं। इनके कारणों और उनसे बचने की जानकारी के लिए केजीएमयू का फिजियोलॉजी विभाग अब सामान्य लोगों पर स्लीप स्टडी करेगा। शोध के बाद पता चलेगा कि ये समस्याएं क्यों हो रही हैं और बिना किसी इलाज के ही इन्हें कैसे ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा इससे कैसे बचा जा सकता है। यह जानकारी केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग के स्थापना दिवस के अवसर पर एचओडी प्रो। सुनीता तिवारी ने दी।

देश में कहीं नहीं हुई रिसर्च

प्रो। सुनीता तिवारी ने बताया कि विभाग में इसके लिए स्लीप लैब स्थापित की गई है। जहां पर सामान्य लोगों का परीक्षण किया जा रहा है। ताकि पता चल सके कि लोगों को किस कारण से समस्याएं हो रही हैं। अभी देश में किसी भी संस्थान में लोगों पर स्लीप रिसर्च नहीं हुई है। इस शोध के बाद हम बता सकेंगे कि खर्राटे व नींद के समय की समस्याएं क्यों होती हैं और उनसे हम बिना दवा या कोई डिवाइस लगाए ही बच सकते हैं। अभी डॉक्टर सांस के मार्ग मे अवरोध होने पर मशीन लगा देते हैं या फिर सर्जरी की जाती है। जो जरूरी नहीं है बिना मशीन और सर्जरी के भी इन समस्याओं से निजात पाई जा सकती है। शोध के बाद ये सारी चीजें निकल कर सामने आएंगी।

एक्सरसाइज से कम होता है व्हाइट फैट

वहीं डॉ। नर सिंह वर्मा ने बताया कि अगर फिट रहना है तो रोजाना आधे घंटे की एक्सरसाइज जरूरी है। रिसर्चेज में यह बात प्रूव हो चुकी है कि एक्सरसाइज के दौरान ऐसे हार्मोन निकलते हैं जो व्हाइट फैट को ब्राउन में कंवर्ट करते हैं। जिससे मोटापा कम होता है और अन्य बीमारियों का खतरा भी कम होता है। उन्होंने बताया कि शरीर में दो प्रकार के फैट होते हैं। ब्राउन फैट बचपन में पाया जाता है, जबकि व्हाइट फैट बड़ों में। बच्चों में ब्राउन फैट अधिक होता है और मोटापा कम। हाल में रिसर्चेज में यह बात सामने आई है कि रोजाना कम से कम आधा घंटा की एक्सरसाइज व्हाइट फैट को ब्राउन में बदलती है। पेट पर पाया जाने वाला सेंट्रलाइज फैट काफी नुकसान करता है। पुरुषों में इस फैट से डायबिटीज, हाइपर टेंशन से लेकर हार्ट डिजीज तक होती हैं। जबकि महिलाओं में अधिक मोटापे के कारण इनफर्टिलिटी तक हो सकती है। यह तापमान को नियंत्रित करने के साथ ही हार्मोन्स के संश्लेषण में सहयोग करता है।

फिजियोलॉजी के डॉक्टर भी देख रहे मरीज

फिजियोलॉजी विभाग की एचओडी डॉ। सुनीता तिवारी ने बताया कि विभाग के डॉक्टर भी अब मरीजों को देखेंगे। इसके लिए फैमिली ओपीडी मंगलवार और गुरुवार को चलाई जा रही है। मेन ओपीडी में 104 नंबर कमरे में मंगलवार को डॉ। नरसिंह वर्मा, डॉ। मनीष बाजपेई, डॉ। वाणी गुप्ता व अन्य की टीम मरीजों को देखती है, जबकि थर्सडे को डॉ। सुनीता तिवारी, डॉ। संदीप भट्टाचार्या व अन्य डॉक्टर्स की टीम मरीज को सलाह देती है। इस क्लीनिक में मोटापा, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, बुखार जैसी सामान्य समस्याओं के लिए मरीज संपर्क कर सकते हैं। विभाग की डॉ। श्रृद्धा तिवारी ने बताया कि विभाग में एग्जाम को एमसीक्यू प्रणाली पर बदला गया है। इस अवसर पर एमबीबीएस व बीडीएस स्टूडेंट्स, टीचर्स व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। वीसी प्रो। रविकांत, एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो। संजीव मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

पुस्तकों से करें प्रेम

वीसी प्रो। रविकांत ने कहा कि पुस्तकें सिर्फ पास होने के लिए नहीं पढ़ें, बल्कि पुस्तकों से प्रेम होना चाहिए। हर पाठ और पन्ने की बातों को निचोड़ लेना चाहिए। पांच परसेंट पास होने के लिए और 95 परसेंट इस पर जोर देना चाहिए कि आज का विज्ञान क्या है और आगे क्या हो सकता है। सफलता अचानक नहीं मिलती इसलिए हर कदम संभाल कर और बुद्धिमता से रखें।