PATNA : लीवर कैंसर से पीडि़त मरीजों के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ऑक्सीजन बनेगा। अब जिंदगी के लिए जंग लड़ रहे मरीजों को दिल्ली-मुम्बई नहीं जाना पड़ेगा और पटना में ही कम खर्च में इलाज हो जाएगा। लीवर कैंसर के ऑपरेशन के लिए संस्थान तैयार हो गया है और मंगलवार को इसका दूसरा सफल प्रयोग किया गया है। दो दो सफल आपरेशन करने वाले डॉक्टरों ने पटना के लिए नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

जिंदगी की टूट गई थी उम्मीद

भागलपुर के 72 वर्षीय राम लड्डू शर्मा लीवर की बीमारीसे परेशान थे.जिंदगी की आस टूटती जा रही थी। एक साल पूर्व लीवर कैंसर के बारे में जानकारी तब हुई जब पेट में दर्द के बाद स्थानीय स्तर पर इलाज के लिए ले जाया गया। भागलपुर में लीवर कैंसर डिटेक्ट होने के बाद डॉक्टरों ने इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान भेज दिया। संस्थान के प्रध्यापक डॉ संजय कुमार ने जांच में पाया कि पेसेंट के लीवर के दो तिहाई भाग में कैंसर फैल चुका था। ऑपरेशन नहीं होता तो जान बचाना मुश्किल हो जाएगा। चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि 18 जनवरी को मरीज को भर्ती किया गया। आठ घंटे के सफल ऑपरेशन के बाद एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम ने कुसा मशीन से कैंसर वाले हिस्से को काटकर लीवर से अलग कर दिया। अब वह ठीक है। इसके पूर्व डॉक्टरों ने समस्तीपुर के 66 वर्षीय इजराइल के लीवर कैंसर का सफल आपरेशन कर संस्थान को नई पहचान दी थी।