हेलीकॉप्टर नहीं भर पा रहे उड़ान

मौसम के बदलते मिजाज को देखते हुए हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं. इस बीच, आठ दिनों बाद कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए गोचर से गुप्तकाशी के लिए रवाना हुए. इधर, जोशीमठ में भी हेलीकॉप्टर ने देरी से उड़ान भरी. केदारनाथ के बाद अब सेना बदरीनाथ और हर्षिल में राहत कार्य चलाने पर फोकस कर रही है. सोमवार को सेना बचाए थे 59 लोग. रुद्रप्रयाग और श्रीनगर के बीच दूसरे दिन भी बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं खोला गया. उत्तरकाशी और ऋषिकेश के बीच गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद कर दिया गया है.

परिजन दाह संस्कार के इंतजार में

उधर, आपदा पीड़ित के परिजन उनके दाह संस्कार के इंतजार में हैं. सोमवार को खराब मौसम के चलते जैसे राहत कार्य में बाधा आई ठिक उसी तरह प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां होने के बावजूद मृतकों का दाह संस्कार नहीं हो पाया. सरकार ने नगर निगम की मदद से मृतकों के सामूहिक अंतिम संस्कार के लिए 50 टन लकड़ी और कई क्विंटल घी का इंतजाम किया है. बचाव अभियान के बीच आठ दिन बाद अब मृतकों का पूरी रीति रिवाजों के साथ दाह संस्कार करना सेना के लिए एक बड़ी चुनौती है.

अभी भी फंसे हैं लोग

सूत्र बताते हैं कि मृतकों के दाह संस्कार को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. केदारनाथ मंदिर से जुड़े धार्मिक लोग कह रहे हैं कि मंदिर के आस-पास दाह संस्कार करने से मंदिर परिसर गंदा हो जाएगा. लेकिन प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि दाह संस्कार पूरे रीति रिवाजों के साथ किया जाएगा. गौरतलब है कि केदारनाथ में सेना, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस (एनडीआरएफ) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) के जवानों ने गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर जंगलों में कांबिंग शुरू कर दी है. इस दौरान 59 लोगों को बचाया गया है. बताया जा रहा है कि अभी भी लगभग 300 लोग इस इलाके में फंसे हो सकते हैं. केदारनाथ में मलबा हटाने का काम जारी है. रविवार से अब तक 250 से ज्यादा शव निकाले जा चुके हैं.

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