- 120 करोड़ से डेवलप करने जा रहा है क्षेत्रीय कैंसर सेंटर को सेंट्रल

- पेशेंट को अब ट्रीटमेंट के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा यहां से

PATNA: कैंसर मरीजों की संख्या बिहार में लगातार तेजी से बढ़ रही है। इधर, आईजीआईएमएस के क्षेत्रीय कैंसर सेंटर को डेवलप करने की बात सेंट्रल गवर्नमेंट ने की है। क्ख्0 करोड़ से इस सेंटर का डेवलपमेंट होगा। पांच मंजिला बिल्डिंग बनेगा। तमाम तरह की उन्नत मशीनें यहां होंगी। पेशेंट को ट्रीटमेंट के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा। एक आंकड़े के अनुसार बिहार से जिस डिजीज के सबसे ज्यादा पेशेंट ट्रीटमेंट को बाहर जाते हैं, उसमें कैसर आगे है। सवाल ये है कि कैंसर मरीजों को मिलने वाले दवा क्या सस्ती में मिल पाएगी?

कैंसर दवाओं का खेल

कैंसर की दवाएं महंगी होती हैं। रिटेल में आते-आते यह और भी महंगी हो जाती हैं। डोज भी लंबे समय तक मरीजों को लेनी पड़ती है। आईजीआईएमएस कैंसर का क्षेत्रीय सेंटर है, इसके बावजूद अभी तक ऐसी कोई व्यवस्था यहां डेवलप नहीं हो सकी। इसके तहत सभी पेशेंट्स को कैंसर की दवाएं मार्केट से कम रेट में मिल पाए।

बनी थी योजना

पेशेंट्स को मार्केट रेट से तिहाई कम रेट पर कैंसर की दवाएं मिल सके इसकी प्लानिंग एक बार आईजीआईएमएस में बनी थी। तय हुआ था कि सीधे मल्टीनेशनल कंपनी से दवाएं मंगायी जाए। टेंडर भी निकला इसके लिए। तत्कालीन एडमिस्ट्रेशन ने निर्णय लिया था कि स्टोरेज से दवा दी जाएंगी। वार्ड ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर पांच लाख की लागत से दुकान भी बनायी गई थी। दवा की सूची भी बनी थी। कई के रेट भी तय किए गए थे। सूत्र बताते हैं कि उस समय डॉ। अरुण कुमार आईजीआईएमएस के डायरेक्टर थे। अब सवाल ये है कि दवा कंपनियों से सीधे दवा पर्चेज कर पेशेंट को उपलब्ध कराया जाएगा? अगर आईजीआईएमएस ऐसा कर पाता है, तो ये पेशेंट्स और उनके घरवालों के लिए सबसे बड़ी राहत होगी।