-एकेडमिक कॉउंसिल की मुहर, युवाओं के लिए बढ़े मौके

-डिग्री कॉलेजेज से बीएससी करने वालों को मिलेगा चांस

-एमएससी करने के बाद मेडिकल कॉलेजों में बनेंगे टीचर

sunil.yadav@inext.co.in

LUCKNOW: साइंस स्ट्रीम में अपना करियर संवारने वाले स्टूडेंट्स के लिए ये खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटीज में यूजी और पीजी कोर्स करने के लिए दौड़भाग करने वालों के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने भी अपने दरवाजे खोल दिए हैं। असल में केजीएमयू की एकेडमिक कॉउंसिल ने अपने कई डिपार्टमेंट में बीएससी और एमएससी कराने को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कई सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू कराने की तैयारी है। सबसे अहम बात यह कि ये कोर्स करने वालों को एमबीबीएस स्टूडेंट्स को पढ़ाने का मौका भी होगा।

पांच विभागों में एमएससी

केजीएमयू की एकेडमिक काउंसिल ने 5 विभागों में एमएससी कोर्सेज को हरी झंडी दी है। इनमें मेडिकल एनॉटमी, मेडिकल फिजियोलॉजी, रेडियोलॉजी , मेडिकल बायोकेमेस्ट्री और मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी से एमएससी करने का मौका मिलेगा.् बता दें कि नर्सिग कोर्स के लिए लास्ट ईयर से ही केजीएमयू एमएससी करवा रहा है। यही नहीं केजीएमयू में नर्सिग व रेडियोलॉजी में बीएससी कोर्स पहले से ही चल रहे हैं। कुछ पैरामेडिकल कोर्सेज में भी बीएससी कोर्स शुरू किए जाने की योजना है।

डॉक्टरों को पढ़ाने का मौका

प्रदेश में शुरू हुए कई मेडिकल कॉलेजों में नॉन क्लीनिकल विभागों में टीचर्स नहीं मिल रहे। यही हाल प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों का भी है। अगर इनमें टीचर न मिले तो इनकी मान्यता पर भी खतरा हो सकता है। असल में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कई मेडिकल कॉलेजों को उधार के टीचर्स के भरोसे मान्यता तो दिला दी लेकिन आगे की मान्यता पर तलवार लटकने लगी। जिसके लिए गवर्नमेंट ने इन कॉलेजों के लिए टीचर्स तैयार करने के निर्देश दिए थे।

पढ़ाने के लिए एमबीबीएस जरूरी नहीं

केजीएमयू के वीसी प्रो। रविकांत के अनुसार, अमेरिका व अन्य देशों में नॉन मेडिकल डिपार्टमेंट (एनॉटमी, फिजियोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, फर्माकोलॉजी) में पढ़ाने के लिए एमबीबीएस जरूरी नहीं है। वहां पर बीएससी और एमएससी करने के बाद टीचर बन सकते हैं। टीचर्स की कमी को देखते हुए यही मॉडल यहां भी लागू किया जा रहा है। जिससे बीएससी और एमएससी करने वाले भी मेडिकल कॉलेजों में आने वाले दिनों में पढ़ाते नजर आएंगे।

सितंबर से शुरू होगा कोर्स

एमएससी कोर्सेज में प्रवेश के लिए किसी भी डिग्री कॉलेज से जीव विज्ञान में बीएससी करने वाले छात्र छात्राएं आवेदन कर सकेंगे। केजीएमयू प्रशासन के अनुसार अगले माह से ही आवेदन मांगे जाएंगे और सितंबर माह से क्लासेज शुरू की जा सकती हैं। केजीएमयू में एमएसी कोर्स यूजीसी की गाइडलाइन्स के मुताबिक तीन साल का होगा। सीटों की संख्या प्रत्येक विभाग में यूजीसी की गाइडलाइन के अनुसार 10 से 15 तक हो सकती है।

अगले कई साल तक जॉब की दिक्कत नहीं

अगले 7-8 साल तक जितने भी स्टूडेंट यहां से पढ़कर निकलेंगे उनके लिए जॉब की कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में टीचर्स की बहुत जरूरत है। इसके अलावा ये छात्र देश-विदेश की अन्य यूनिवर्सिटी में पीएचडी भी कर सकेंगे और जिससे वे अन्य कॉलेजों में भी टीचर बन सकेंगे। अभी प्रदेश और देश में ऐसे हजारों एक्सप‌र्ट्स की जरूरत है। केजीएमयू और भी कई विभागों में ऐसे यूजी व पीजी कोर्स शुरू करने की तैयारी में है, जिनमें स्टूडेंट्स को जॉब भी मिल सके।

कई विभागों में एमएससी कोर्स शुरू किए जाएंगे। इसी साल से इन कोर्स में एडमिशन होंगे। समय के साथ इनकी जरूरत है और इनसे मेडिकल कॉलेजों में टीचर्स की कमी भी पूरी होगी। इससे बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।

=प्रो। रविकांत, वीसी केजीएमयू