- इटावा लायन सफारी के साथ ही अब डियर, एंटीलोप डियर, पैंथर और बीयर सफारी बनाए जाने की तैयारी
- चिडि़याघर में मौजूद हैं अतिरिक्त पैंथर और डियर
- आगरा के रेस्क्यू सेंटर से लाए जा सकते हैं भालू
LUCKNOW: लखनऊ के पैंथर और आगरा के भालू इटावा की शान बनेंगे। सीएम मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट लॉयन सफारी के साथ ही अब दो डीयर सफारी, एक पैंथर और एक भालू सफारी भी लोगों में आकर्षण का केन्द्र होगा। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि इस तरह की सफारी कहीं वर्ल्ड में नहीं है। इंटरनेशनल लेवल पर इस सफारी की पहचान बनेगी। खास बात यह है कि इससे लॉयन सफारी में रखे गए शेरों को बहुत फायदा होगा। उनकी सेहत में सुधार आएगा और बीमारियां कम होंगी।
- अतिरिक्त हैं पैंथर
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट ने बताया कि पैंथर्स सफारी के लिए हमें कहीं और से पैंथर लाने की जरूरत नहीं होगी। अकेले चिडि़याघर में इस समय पांच पैंथर मौजूद हैं जो विभिन्न रिहायशी इलाकों से पकड़ कर यहां लाए गए हैं। इसके अलावा पैंथर सफारी बन जाने से रिहायशी इलाकों में रेस्कयू किए जाने वाले पैंथर चिडि़याघर में रखे जाने के बजाय पैंथर सफारी में रखे जा सकेंगे। इससे उन्हें प्राकृतवास में ही रहने को मिलेगा। 30 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पैंथर सफारी बनाए जाने की अनुमति मिल गई है।
- बढ़ रही है स्वैम्प डियर की संख्या
इसके अलावा राज्य पशु स्वैम्प डियर (बारहसिंहा) की बढ़ती संख्या वन विभाग के लिए परेशानी का सबब बन रही थी। लखनऊ के चिडि़याघर में ही इनकी खासी संख्या मौजूद है। ऐसे में डीयर सफारी बनने पर उन्हें वहां शिफ्ट किया जा सकेगा। इसके लिए 31.50 हेक्टेयर क्षेत्र में डीयर सफारी बनाया जाना तय किया गया है। स्वैम्प डियर के साथ ही चिडि़याघर में चीतल की कमी नहीं है। इन चीतलों को भी यहां भेजने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा डीयर सफारी में सांभर, पाढ़ा और कांकड़ भी रखे जाएंगे। लायन सफारी में विशेष आकर्षण का केन्द्र होंगे एंटीलोप सफारी। इसमें ब्लैक बक और चिंकारा रखे जाएंगे। इस सफारी के लिए 21 हेक्टेयर क्षेत्रफल की जगह तय की गई है। इसके अलावा यहां पर बीयर सफारी बनाए जाने को लेकर भी अंतिम मुहर लग गई है। 21 हेक्टेयर में बनने वाले बीयर सफारी में आगरा से भालू रखे जा सकते हैं। आगरा में बने भालू रेस्क्यू सेंटर में ही अकेले 300 से अधिक भालू मौजूद हैं।
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और पूर्व प्रमुख वन संरक्षक डॉ। आरएल सिंह ने बताया कि लॉयन सफारी में हिरण और अन्य जानवर रखे जाने से शेरों की सेहत में सुधार होगा। एक तो उन्हें शिकार का मौका मिलेगा जिससे उनकी बेहतरीन एक्सरसाइज होगी। किसी भी जानवर के शिकार के लिए उसे दौड़भाग करनी पड़ेगी।
यह सफारी अपने आप में अनूठी होगी। ऐसा सफारी अभी तक कहीं देखने को नहीं मिला है। सेंचुरीज और नेशनल पार्क में तो इतने जानवर एक साथ देखने को मिल सकते हैं लेकिन सफारी की यह परिकल्पना अनूठी है।
डॉ। रूपक डे
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट और पूर्व प्रमुख वन संरक्षक
कोट
लॉयन सफारी के साथ जो सफारी बनाई जानी है, अभी उसकी तैयारियां शुरुआती दौर में हैं। कौन सा जानवर कहां से आएगा अभी तय नहीं है। लेकिन सभी सफारीज का काम जल्द से जल्द पूरा किए जाने की तैयारी है।
रूपक डे
प्रमुख वन्य संरक्षक वन्य जीव
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- वापस लौटे गए ब्रिटेन के चिकत्सक
ब्रिटेन से आए डॉ। जानथन क्रेकनल लॉयन सफारी में बीमार शेरों के इलाज की व्यवस्था को देखकर वापस लौट चुके हैं। उन्होंने लॉयन सफारी के चिकित्सकों के साथ बीमार शेरों के इलाज के बारे में दिशा निर्देश जारी किए हैं। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह नेट के ामध्य से लगातार लॉयन सफारी की टीम के सम्पर्क में रहेंगे लेकिन आवश्यकता पड़ने पर वह तुरंत ही यहां वापस लौटेंगे।