PATNA : अगर आपको अपने गांव की सड़क बनवानी है या मरम्मत करवानी हो तो मोबाइल से ही आवेदन कर सकते हैं। साथ ही सड़क निर्माण और मरम्मत से संबंधित सुझाव, ठेकेदार के खिलाफ सड़क की गुणवत्ता से संबंधित शिकायत और सुधार संबंधित आवेदन भी मोबाइल एप से भेजने की सुविधा उपलब्ध होगी।

ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग

बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति-2018 में सरकार ने यह प्रावधान किया है। विभाग आपकी अर्जी पर पहल शुरू कर निर्माण और मरम्मत कार्य सुनिश्चित कराएगा। महत्वपूर्ण यह है कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण और पुननिर्माण की मॉनीट¨रग भी ऑनलाइन होगी। पहली बार सरकार ने पथ निर्माण विभाग और नगर विकास एवं आवास विभाग की तर्ज पर सड़कों की रख-रखाव के लिए बजट प्रबंध की पहल भी शुरू कर दी है।

मशीन से सुधरेगी सड़क

ग्रामीण कार्य विभाग सड़कों की अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की पहल के तहत अब मैनुअल नहीं बल्कि मशीन से सड़कों की लेवलिंग, मरम्मत और निर्माण सुनिश्चित कराएगा। ग्रामीण सड़कों का निर्माण अब आउटपुट बेस्ड होगा। यानी अब ठेकेदार को बताया जाएगा कि सड़क किस स्तर और मानक की चाहिए। सड़क बनेंगी उनमें प्रति किमी 400 सेमी से ज्यादा के बंप्स नहीं होंगे। इसमें 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाने पर झटके नहीं लगते हैं। मरम्मत का काम भी मशीनों से होगा।

रोड पैकेजिंग सिस्टम लागू

बिहार, ग्रामीण सड़कों के रख-रखाव के लिए रोड मेंटनेंस पैकेज सिस्टम लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। अब टेंडर एक सड़क का नहीं पूरे प्रखंड या सब डिवीजन की सड़कों के लिए निकाले जाएंगे। दिसंबर से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी।

सुरक्षा पर रहेगा जोर

मेंटनेंस और निर्माण में रोड सेफ्टी, क्रॉस बैरियर और रोड साइनेज अंतरराष्ट्रीय स्तर के होंगे। 4600 टोलों में ग्रामीण संपर्क पथ का निर्माण किया जा रहा है। अब ग्रामीण सड़क बनाने के लिए जमीन की खरीद करने का प्रावधान है।