- रिजल्ट आने के बाद बच्चे गिफ्ट में मोबाइल हैंडसेट से लेकर सैर-सपाटे तक की कर रहे डिमांड

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KANPUR। रिजल्ट आने के बाद अब पैरेंट्स का खर्चा बढ़ गया है। कारण ये है कि अब स्टूडेंट्स सिर्फ चाकलेट या कपड़ों से ही काम नहीं चलाते हैं। खासतौर पर उन पेरेंट्स का जिनके बच्चों ने 80 या 8भ् परसेंट से अधिक मा‌र्क्स पाए हैं। रिजल्ट में बढ़ने वाले परसेंटेज की तरह स्टूडेंट्स की डिमांड भी बढ़ गई है। अब चाकलेट नहीं बल्कि बच्चों को तो नैनीताल, मसूरी व सिंगापुर की सैर चाहिए। नहीं तो एन्ड्रॉयड फोन चाहिए। बच्चों को गिफ्ट देने का खर्चा तो पैरेंट्स पर बढ़ा ही है।

ट्रैवल वालों की मौज

स्टूडेंट्स के रिजल्ट आने के बाद ट्रैवल वालों की मौज हो गई है। रिजल्ट आने के बाद करीब ख्0 प्रतिशत बुकिंग में इजाफा हुआ है। आम दिनों में इस समय ऐसा नहीं होता था। पर पिछले कुछ सालों से ऐसा होना शुरु हुआ है। अवध टूर एंड ट्रैवल्स के ओनर शारिक अल्वी बताते हैं कि हाल के दिनों में कई ऐसे पैरेंट्स आए हैं। जिन्होंने एग्जाम के बाद आए अच्छे रिजल्ट के लिए अपने बच्चों को गिफ्ट देने के लिए घूमने का फैसला किया है। आज से पांच साल पहले तक ऐसा नहीं होता था।

नैनीताल, मनाली में मजे

ज्यादातर इस समय आने वाले लोग नैनीताल व मनाली के लिए बुकिंग करा रहे हैं। बच्चों को रिजल्ट का गिफ्ट देने के लिए इन खूबसूरत प्लेसेस पर ले जा रहे हैं। वैसे भी ये गर्मी का समय है। ऐसे में यही जगह मोस्ट फेवरेट टूरिस्ट स्पॉट हैं।

एन्ड्रॉयड फोन की खूब डिमांड

रिजल्ट के गिफ्ट के लिए एन्ड्रॉयड फोन की भी जबरदस्त डिमांड है। इंटर व हाईस्कूल पास कर निकले स्टूडेंट्स एन्ड्रॉयड फोन की डिमांड अपने पैरेंट्स से कर रहे हैं। नवीन मार्केट में मोबाइल शॉप चलाने वाले जीतेंद्र कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में जब से रिजल्ट निकलना शुरु हुए हैं। तब से कई पैरेंट्स ऐसे आ चुके हैं। जो अपने बच्चों को एन्ड्रॉयड फोन गिफ्ट देने के लिए खरीद रहे हैं।

वर्जन:

रिजल्ट आने के बाद ट्रैवलिंग की बुकिंग बढ़ी है। हाल में कई ऐसे पैरेंट्स आए हैं। जो अच्छे रिजल्ट गिफ्ट के लिए अपने बच्चे को बाहर ले जा रहे हैं।

- दिनेश सिंह, ट्रैवल एजेंट

रिजल्ट आने के बाद ट्रैवलिंग के लिए कई बुकिंग हुई है। अच्छा रिजल्ट आने के बाद बच्चों को गिफ्ट भी तो अच्छा देना होता है।

- सगीर खान, ट्रैवल एजेंट

ये सही है कि बच्चों की डिमांड्स में अचानक ही चेंज आया है। रिजल्ट के बाद मेरे फ्रेंड्स और रिलेशंस में देखा कि बच्चे टैबलेट, एंड्रॉइड या गिफ्ट में टूर पैकेज तक मांग रहे हैं। कई पेरेंट्स ने तो खुद अपने बच्चों को 80 या 90 परसेंट से ज्यादा मा‌र्क्स लाने पर ये सब देने का वादा किया था। मुझे लगता है इसमें कोई बुराई नहीं। आज बच्चे एंड्राइड या टैबलेट जैसी डिवाइस पर सीखते ही हैं। उनकी लर्निग फास्ट हो जाती है।

-संजय शुक्ला, अध्यक्ष कानपुर पेरेंट्स एसोसिएशन