-ओपन बुक सिस्टम लागू होने से सीए की परीक्षा हो जाएगी और कॉम्पिटिटिव

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क्कन्ञ्जहृन्: चार्टर्ड अकाउंटेंसी (सीए) की फाइनल परीक्षा में पहली बार 'ओपन बुक पैटर्न' लागू किया गया है। इसके साथ ही नवंबर, 2018 में होने वाली सीए की फाइनल परीक्षा में परीक्षार्थी एग्जाम सेंटर पर किताब और नोट्स आदि ले जा सकेंगे। देश के प्रमुख प्रोफेशनल कोर्स में से एक सीए की परीक्षा हमेशा कठिन रही है। हालांकि सीए एक्सपर्ट का कहना है कि इस व्यवस्था का उद्देश्य परीक्षा को आसान या कठिन बनाने से नहीं है। बल्कि यह नया पैटर्न केवल पेपर छह यानि ऑप्शनल पेपर के लिए ही लागू किया गया है। यह 100 अंकों का है। अन्य पेपर्स में पहले की तरह पेन पेपर यथावत होंगे।

दो ग्रुपों में होगी परीक्षा

फाइनल परीक्षा में कुल सात पेपर होंगे। इसमें ग्रुप वन में चार पेपर और ग्रुप टू में तीन पेपर की परीक्षा होगी। ग्रुप टू के पेपर सिक्स में ओपन बुक पैटर्न लागू किया गया है। शेष पेपर पुराने पैटर्न पर ही होंगे।

विश्लेषण करना होगा

एक्सपर्ट ने नए पैटर्न के बारे में बताया कि छात्र कॉपी कर लिखेंगे, ऐसा बिल्कुल नहीं है। छठा पेपर ऑप्शनल है जिसके विषय ऐसे है जिसमें हर साल नए ट्रेंड और नए प्रावधान आ रहे हैं। जैसे ग्लोबल फाइनेंसियल रिपोर्टिग स्टैंडर्ड, केस स्टडी आदि। सीए सोमेश कुमार ने बताया कि नई व्यवस्था लागू करने का उद्ेश्य परीक्षार्थियों की एनालिटिकल और लॉजिकल एबिलिटी की परख करना है।

विदेशों में पहले से यह व्यवस्था

सीए सोमेश कुमार ने बताया कि ओपन बुक पैटर्न लागू किए जाने की खास बात यह है कि इससे परीक्षार्थियों की रियल टाइम में एबिलिटी का पता चलेगा। क्योंकि जिन विषयों को शामिल किया गया है उसमें लगातार

परिवर्तन होता रहा है। परीक्षार्थी पास में किताब और नोट्स रखने के बाद भी हू-ब-हू किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दे सकेंगे। उन्हें

अपने तार्किक क्षमता के आधार पर उत्तर देना होगा। उदाहरण के लिए कौन सा लॉ या एक्ट लागू होगा, यह वे स्वयं तय करेंगे। इस

प्रकार की व्यवस्था पहले ही विदेशों में प्रभावी रूप से लागू है। अब इसे यहां लागू किया गया है।

व्यवहारिक बनाने का है प्रयास

ओपन बुक पैटर्न के बारे में सीए फैकल्टी आशीष अग्रवाल का कहना है कि नए पैटर्न का उद्ेश्य छात्रों को ज्यादा व्यवहारिक बनाना है। चूंकि सीए एक हाइली प्रोफेशनल कोर्स है इसलिए भी जरूरी है। सभी परीक्षाएं द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंसी ऑफ इंडिया के नियमों से ही तय होती है। इंस्टीट्यूट का मानना है कि सीए छात्र किताबी कीड़ा या रट मारकर न पढ़े बल्कि नए प्रावधानों को किस संदर्भ में और कैसे लागू करना है, यह भी समझें।

ई-बुक पर प्रतिबंध

-ओपन बुक सिस्टम में किताबें, इंस्टीट्यूट के स्टडी मैटेरियल्स और नोट्स ले जा सकेंगे। लेकिन ई बुक पर प्रतिबंध होगा। किसी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक गैटेज इस्तेमाल पर रहेगा प्रतिबंध।

-परीक्षार्थी किसी बुक से कई रेफरेंस ले सकेंगे लेकिन उत्तर हू-ब-हू न लिखकर उन्हें अपनी भाषा में लिखना होगा।

-किसी से व्यक्तिगत तौर पर बात कर उत्तर देने की मनाही होगी।

नए पैटर्न में 30 परसेंट सवाल ऑब्जेक्टिव

नए पैटर्न के बारे में चर्चा करते हुए सीए विनय भारती ने बताया कि पुराने एग्जाम पैटर्न में जहां फाइनल परीक्षा शत-प्रतिशत सब्जेक्टिव होती थी, अब इसमें परिवर्तन किया गया है। नए पैटर्न में अब 70 प्रतिशत सब्जेक्टिव और 30 प्रतिशत ऑब्जेक्टिव होगा। खास बात यह है कि अब इंस्टीट्यूट यह जांच करेगा कि एग्जाम हॉल में किताब मिलने के बाद छात्र कितना तार्किक और सटीक जवाब देंगे।

नए पैटर्न के तहत छठे पेपर के केवल ऑप्शन पेपर के विषय शामिल हैं। इसमें किताब ले जा सकेंगे, लेकिन इलेक्ट्रिानिक गैजेट पर प्रतिबंध रहेगा।

-विनय भारती, सीए फैकल्टी