RANCHI: रिम्स में एक महीने के अंदर दो बार मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी हुई। इसमें सात मरीजों का सफल ऑपरेशन करने के बाद सर्जरी पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब कार्डियोलॉजी में अपनी मशीन खरीदने के बाद ही मरीजों की ओपन हार्ट सर्जरी की जाएगी। इसके लिए मरीजों को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। इसके बाद मरीजों की रेगुलर ओपन हार्ट सर्जरी की जाएगी। हालांकि सर्जरी पर रोक से सैकड़ों मरीज परेशान हो गए हैं। वहीं उन्हें चिंता सता रही है कि इस हालत में उनका नंबर कब आएगा।

600 से अधिक पेशेंट्स लाइन में

बिहार-झारखंड के अलावा अन्य राज्यों से भी हार्ट के मरीज इलाज के लिए रिम्स पहुंच रहे हैं। वहीं एम्स, फोर्टिस, पीजीआई जैसे हॉस्पिटलों के मरीजों को भी फॉलोअप के लिए रिम्स ही भेजा जा रहा है। इस वजह से मरीजों की संख्या में अचानक से तेजी आ गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 600 से अधिक मरीज आपरेशन के इंतजार में हैं। इनकी प्रायोरिटी के अनुसार आपरेशन करने की योजना बनाई गई है।

मशीन के लिए नहीं रहना होगा निर्भर

अब तक रिम्स में सात लोगों की ओपन हार्ट सर्जरी की गई है। इसके लिए रिम्स ने मशीन सप्लाई करने वाली कंपनियों से मशीन लेकर आपरेशन किया। वहीं सिटी के आलम और पाम हॉस्पिटल ने भी आपरेशन में इस्तेमाल किए जाने वाले इक्विपमेंट्स उपलब्ध कराए थे। इस बार रिम्स प्रबंधन मशीन और इक्विपमेंट्स की खरीदारी को लेकर रेस है। ऐसे में इस बार खुद की मशीनें आ जाने के बाद ही हार्ट सर्जरी की जाएगी। ताकि आपरेशन के लिए किसी पर निर्भर रहने की जरूरत न पड़े।

वर्जन

हम लोगों ने कंपनी और प्राइवेट हॉस्पिटल के सपोर्ट से सर्जरी शुरू कर दी है। जल्द ही रेगुलर बेसिस पर सर्जरी चालू होगी। इस बार हम अपनी मशीन से ही हार्ट का ऑपरेशन करेंगे।

डॉ। अंशुल कुमार, कार्डियक सर्जन

हमारे पास जितने संसाधन हैं, उसी में बेहतर करने की कोशिश है। अब जल्द ही हमारी अपनी मशीनें होंगी। इसके लिए प्रॉसेस चल रहा है। उम्मीद है कि इस महीने हमारी मशीनें आ जाएंगी।

डॉ। डीके सिंह, डायरेक्टर, रिम्स