सरकारी ब्लड बैंकों में जल्द लागू हो सकती है योजना

एनएचएम के तहत एसबीटीसी ने दिए निर्देश, ब्लड प्रोसेसिंग फीस होगी खत्म

Meerut। अब सरकारी ब्लड बैंकों में खून के लिए वसूली जाने वाली प्रोसेसिंग फीस को खत्म किए जाने की योजना तैयार की जा रही है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत राज्य रक्त संचरण परिषद ने पूरे प्रदेश में इसे लागू करने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं।

खून के बदले खून

सरकारी अस्पताल के मरीजों और बाहरी लोगों को अभी खून के बदले फीस व उसी ग्रुप का ब्लड देने का नियम हैं। हालांकि, नई व्यवस्था लागू होने के बाद मरीजों को फीस नहीं देनी पड़ेगी बल्कि सिर्फ खून के बदले सिर्फ सेम ग्रुप का खून ही देना होगा। यह व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में लागू होगी। इस योजना का लाभ केवल सरकारी अस्पताल में एडमिट मरीजों को ही मिल पाएगा।

नहीं पड़ेगा जेब पर भार

सरकारी ब्लड बैंक से ब्लड लेने के लिए प्राइवेट अस्पताल के मरीजों को 1050 रूपये प्रति यूनिट प्रोसेसिंग फीस देनी पड़ती है, जबकि सरकारी अस्पताल में एडमिट मरीजों के लिए यह फीस 400 रूपये प्रति यूनिट है। नई योजना के तहत तीमारदारों को ब्लड के लिए दिए जाने वाले अतिरिक्त रूपयों के भार से मुक्ति मिल सकेगी। जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ। कौशलेंद्र अभी सिर्फ एनएचएम का पत्र आया है। पूरे प्रदेश भर में व्यवस्था लागू करने के लिए शासन स्तर पर योजना बन रही है। स्वास्थ्य विभाग से निर्देश मिलते ही व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।

कार्ड धारकों को फायदा

इस व्यवस्था से डोनर कार्ड धारकों को भी फायदा मिलेगा। ब्लड डोनेशन कैंप में ब्लड डोनेट करने वाले डोनर्स को आसानी से ब्लड मिल सकेगा। डोनर्स का कहना है कि ब्लड बैंक में डोनेशन में आएं ब्लड को ही बेचा जाता है। जबकि डोनर्स से भी ब्लड के बदले पैसे ले लिए जाते हैं।

इसलिए होगा लागू

एनएचएम के एडिशनल सेक्रेट्ररी व मिशन डायरेक्टर मनोज झलानी ने अपने पत्र में लिखा हैं कि मरीजों को सेफ ब्लड देने के लिए एनएचएम के तहत ब्लड बैंक को कई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसमें ट्रांसपोर्टेशन वैन, ब्लड स्टोरेज यूनिट, ब्लड कोंपोनेंट, इक्यूपमेंट, मैन पॉवर आदि शामिल है। ऐसे में मरीजों से प्रोसेंसिंग फी के नाम पर एक्सट्रा पैसा ही वसूला जा रहा है। सात ही उन्होंने कहा कि ओओपीई यानि आउट ऑफ पॉकेट एक्सपेंडिचर को खत्म करने से मरीजों को राहत मिलेगी। कई दूसरे राज्यों में यह व्यवस्था पहले से ही लागू हैं। सीएमओ डॉ। राजकुमार के मुताबिक स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की ओर से जारी किए गए पत्र के आधार पर शासन स्तर पर जल्द ही योजना लागू हो सकती है। निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा।