नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी में पीएचडी
एक मह9ीने बाद पीआरटी का रिजल्ट आते ही सारे कॉलेज अपने स्टूडेंट्स से एपीयर करवा सकते हैं। यह मेडिकल और इंजीनियरिंग के स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज है। टेक्नीकल कॉलेजों के आर्यभट्ट नॉलेज यूनिर्वसिटी में जाने के बाद से पीएचडी पूरी तरह बंद हो गया था, जिस कारण हर साल सौ से अधिक स्टूडेंट्स इसमें एपीयर नहीं हो पाते थे। इस दौरान कई स्टूडेंट्स ने तो अदर स्टेट से अप्लाई कर पीएचडी की डिग्री ली। हालांकि अब एक महीने बाद इस के शुरू होने से स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम दूर हो जाएगी.आर्यभट्ट नॉलेज यूनिर्वसिटी (एकेयू) के वीसी डॉ। एसएन गुहा ने बताया कि एकेयू अपना इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के बाद भी काफी सारी डिग्री कोर्सेज को अपडेट  कर रही है। इसके अलावा एकेयू से नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी में एमटेक और पीएचडी की डिग्री भी दी जाएगी। ऐसे स्टूडेंट्स, जो यहां से पीएचडी करना चाहते हैं वो अप्लाई कर सकते हैं। वीसी डॉ। एसएन गुहा ने बताया कि नैनो साइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी की तरह ही वो अपने यहां स्टेम सेल रिसर्च सेंटर और एस्ट्रो फिजिक्स एंड अप्लाइड मैथमेटिक्स में भी पीएचडी करवाना चाहते हैं और इस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।

अपना मकान तक नसीब नहीं
एकेयू की शुरुआत वीसी डॉ। एसएन गुहा के घर से हुई, जिसके बाद हार्डिंग रोड और फिर एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट व चाणक्या लॉ कॉलेज के कमरे में पहुंचा। अब तक एकेयू की अपनी बिल्डिंग नहीं बन पाई है। वीसी ने कहा कि यह पूरे बिहार के टेक्नीकल कॉलेजों की जवाबदेही है। 2013 दिसंबर तक बिल्डिंग बनने की बात थी, पर अभी तक नींव भी नहीं रखी गई।

इंप्लाइज को किया जा रहा ट्रेंड
50 रेग्युलर कॉलेज और 15 नन रेग्युलर कॉलेज एकेयू के अंडर आते हैं, जिसमें 90 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हैं। अब तक एकेयू 36 हजार स्टूडेंट्स का एग्जाम ले चुका है, जिसे संभालने के लिए लोगों की जरूरत थी। इसे पूरा करने के लिए एक महीने पहले इंटरव्यू में110 के आसपास ऑफिसर्स से लेकर कर्मी सेलेक्ट हुए थे, जिन्हें ट्रेंड किया जा रहा है.  

मार्च में हो जाएंगे रिटायर वीसी
एकेयू के सामने सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है कि इसके वीसी डॉ। एसएन गुहा मार्च में रिटायर हो जाएंगे। उनके एक्सटेंशन को लेकर अभी कोई बात नहीं चल रही है। लिहाजा, जो भी नए वीसी आएंगे उनके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सही टाइम पर एग्जाम लेने तथा रिजल्ट निकलवाना आसान नहीं होगा।