मिलेगी पल-पल की जानकारी

इलेक्शन कमीशन की ओर से यह सुविधा आगामी लोकसभा में मुहैया हो जाएगी। सैटेलाइट सिस्टम से कनेक्ट यह व्यवस्था लेटीट्यूड और लांगिट्यूड के तहत की जा रही है। इलेक्शन डिपार्टमेंट के अधिकारियों के अकॉर्डिंग इस सिस्टम से पोलिंग स्टेशन की हर गतिविधि को इलेक्शन कमीशन की साइट पर देखा जा सकेगा। इस व्यवस्था के बाद वोटर्स को सबसे अधिक फायदा होगा। साइट पर वे देख सकेंगे कि पोलिंग स्टेशन पर कितनी भीड़ है और इसी के अनुसार वोट देने के लिए जा सकेंगे।

कमीशन को दी list

इलेक्शन कमीशन ने नई व्यवस्था लागू करने के लिए डिपार्टमेंट से पोलिंग स्टेशनों की लिस्ट मांगी थी। डिपार्टमेंट ने अपनी ओर से 2,628 स्थाई और 128 अस्थाई पोलिंग स्टेशनों की रिपोर्ट तैयार कर इलेक्शन कमीशन को सौंप दी गई है। इस नई व्यवस्था के लिए डिपार्टमेंट की ओर से 2,668 बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) को लगाया गया है।

नहीं होगी धांधली

अधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम के बाद बूथ कैप्चरिंग जैसी घटनाओं की संभावना कम हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर कैंडीडेट की यह शिकायत भी दूर हो जाएगी कि इलेक्शन ड्यूटी में लगाए गए कर्मचारी धांधली कर रहे हैं। पोलिंग स्टेशन पर होने वाले हंगामे को भी कंट्रोल किया जा सकेगा। इससे स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

'पोलिंग स्टेशनों की लिस्ट मांगी है, जो दे दी गई है। यह सुविधा आगामी इलेक्शन से मिल सकेगी.'

मोहम्मद नईम, असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर