---केंद्रीय कैबिनेट ने मुख्य सचिव को भेजा पत्र

- 14 अगस्त तक भू-दस्तावेज को डिजिटलाइज्ड करने का निर्देश

- आधार से लिंक नहीं होने पर बेनामी मानी जाएगी संपत्ति

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रांची : अचल संपत्तियों का तथ्य छुपाना अब झारखंडवासियों के लिए मुश्किल होगा। उनके पास चाहे किसी भी प्रकृति की जमीन अथवा मकान हो, उसकी टैगिंग आधार से कराना अनिवार्य होगा। इसकी अनदेखी से उनकी संपत्तियां बेनामी घोषित कर दी जाएंगी, जिसे आयकर विभाग अटैच कर सकता है। केंद्रीय कैबिनेट सचिवालय ने झारखंड सरकार को इस आशय का पत्र भेजा है। इस स्थिति से निपटने के लिए कैबिनेट ने 1950 से लेकर अबतक के भू-दस्तावेज को डिजिटलाइज्ड करने की नसीहत दी है। मुख्य सचिव को संबोधित इस पत्र में डिजिटलाइजेशन का कार्य 14 अगस्त तक पूरा कर लेने को कहा गया है।

अपलोड होंगे दस्तावेज

मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में कृषि और गैर कृषि योग्य भूमि के साथ-साथ निजी अथवा सोसाइटी से संबद्धता रखने वाले मकानों को सूचीबद्ध करने को कहा गया है। भू-दस्तावेज के डिजिटलाइज्ड की इस कड़ी में संबंधित संपत्तियों की खरीद-बिक्री की डीड के साथ-साथ उसके म्यूटेशन तक का विस्तृत ब्योरा शामिल करने को कहा गया है। इधर, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी के अनुसार 1971 से लेकर 2008 तक के निबंधित दस्तावेज वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं। 1947 से 1970 तक के निबंधित दस्तावेज को डिजिटलाइज्ड किया जा रहा है। 264 में से 262 अंचलों को पूरी तरह से डिजिटलाइज्ड किया जा चुका है।

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