हर sports का रहा है विवादों से नाता
स्टेट में हर स्पोट्र्स के साथ शुरू से ही खिलवाड़ होता आ रहा है। चाहे वह क्रिकेट हो, बैडमिंटन, कराटे या फिर राष्टï्रीय खेल हॉकी, सबका किसी-न-किसी विवाद से नाता जरूर रहा है। सारे विवाद स्पोट्र्स एसोसिएशन में अपना वर्चस्व बनाए रखने को लेकर होते हैं। इसमें पॉलिटिशियन की रुचि ज्यादा रहती है।

Key post पर काबिज हैं politician और public servent
अहम बात यह है कि किसी भी स्पोट्र्स एसोसिएशन में टॉप पोस्ट पर काबिज किसी भी व्यक्ति का स्पोट्र्स से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा है। हर एसोसिएशन में ‘की’ पोस्ट पर या तो कोई पोलिटिकल लीडर काबिज है या कोई आईएएस या आईपीएस। इससे स्पोट्र्स और स्पोट्र्समैन का कितना भला हो रहा है यह तो नहीं पता लेकिन एसोसिएशन में काबिज लोग खूब मजे मार रहे हैं।

कराटे के साथ शुरू से ही रहा है विवाद
अगर बात करें झारखंड में कराटे की तो इसका शुरू से ही विवादों से जुड़ाव रहा है। यह विवाद तब और खुलकर सामने आ गया, जब स्टेट में नेशनल गेम्स ऑर्गेनाइज हुआ। उस वक्त नेशनल गेम्स में कौन सी कमिटी की टीम खेलेगी, इसे लेकर काफी खींचतान हुई। उस वक्त ऑल इंडिया कराटे डू फेटरेशन की झारखंड यूनिट के प्रेसिडेंट एल नागेश्वर राव थे। तब बीजेपी से जुड़े नंदजी प्रसाद ने पोलिटिकल सपोर्ट का बेनिफिट उठाया और एडहॉक कमिटी के प्रेसिडेंट बन गए। इस नाते उनकी टीम ने नेशनल गेम्स में पार्टिसिपेट किया।

15 को हुए election में नंदजी बने general secretary
यह मामला मुंबई चैरिटी कमिश्नर के पास पेंडिंग था। पिछली नौ जनवरी को मुंबई चैरिटी कमिश्नर ने अपना डिसीजन देते हुए ऑल इंडिया कराटे डू फेडरेशन में ही इलेक्शन करवाने को कहा था। इसको ध्यान में रखकर 15 फरवरी इलेक्शन कराया गया। इस इलेक्शन में रामेश्वर निर्वाण गुट विनर रहा और फेडरेशन की झारखंड यूनिट के प्रेसिडेंट नंदजी प्रसाद को जेनरल सेक्रेटरी बनाया गया। ध्यान देने वाली बात है कि इसमें त्यागराजन गुट भी इनवाइटेड था। पहले से फेडरेशन से जुड़े रहे एल नागेश्वर राव त्यागराजन के साथ हैं।

एक और political leader बना hockey jharkhand president
हालांकि अभी हॉकी इंडिया से मान्यता प्राप्त हॉकी झारखंड के सेक्रेटरी पीर मोहम्मद हैं। इस बीच अपोनेंट पार्टी ने नई कमिटी बना ली और सुदेश महतो को उसका प्रेसिडेंट बना दिया। बता दें कि सुदेश महतो पोलिटिकल लीडर हैैं और स्टेट गवर्नमेंट में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। इस संबंध में बातचीत करने के लिए जब सुदेश महतो से उनके सेलफोन पर बात करने की कोशिश की गई तो उनका सेल फोन स्वीच ऑफ पाया गया।

झारखंड में दो-दो हॉकी झारखंड
अब बात करते हैैं हॉकी की। हॉकी झारखंड के साथ भी पिछले कई साल से विवाद जुड़ा रहा है। प्रेजेंट में सुदेश महतो की अध्यक्षता में बनी नई कमिटी के साथ रनिंग कमिटी का मामला झारखंड हाई कोर्ट में पेंडिंग है। यह मामला अभी चल ही रहा था कि हॉकी इंडिया ने सेक्रेटरी पीर मोहम्मद की कमिटी को वर्ष 2009 में मान्यता दे दी। इस कमिटी का कार्यकाल दिसंबर 2013 तक है। इस बीच अपोनेंट पार्टी ने कोर्ट के डिसीजन का इंतजार किए बिना नई कमिटी बना ली और मान्यता के लिए हॉकी इंडिया के पास लेटर भी
भेज दिया।

जब झारखंड वीमेन हॉकी व झारखंड हॉकी एसोसिएशन का मर्जर हुआ तो हॉकी झारखंड के गठन को लेकर मामला हाई कोर्ट में चला गया। इस बीच हॉकी इंडिया ने हॉकी झारखंड को मान्यता दे दी, जिसका सेक्रेटरी मैैं हूं। अब नई कमिटी बनाने का क्या तुक है, यह समझे से परे है।
-पीर मोहम्मद, सेक्रटेरी, हॉकी झारखंड

इलेक्शन कैसे हुआ मुझे कोई जानकारी नहीं है। सेंट्रल कमिटी में सभी स्टेट का वोटिंग राइट होता है, लेकिन हमें कोई इंविटेशन नहीं मिला है। इलेक्शन में 7 में से तीन लोग शामिल ही नहीं हुए। अगले 2-4 दिनों में मामला पूरी तरह साफ होगा।
-एल नागेश्वर राव, जेनरल सेक्रेटरी, ऑल इंडिया कराटे डू फेडरेशन (स्टेट कमिटी)

Reported by: goutam.ojha@inext.co.in