- अब मार्कशीट्स पर होगी कैंडिडेट्स की फोटो

- सर्टिफिकेट्स में लगातार सामने आ रहे थे धांधली के मामले

- यूजीसी ने संस्थानों को भेजें निर्देश, आधार नंबर भी होगा शामिल

- उत्तराखंड में यूटीयू ने फर्जीवाड़े के लिए पहले ही किए हैं खास इंतजाम

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DEHRADUN: हायर एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स में अब धांधली संभव नहीं होगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने सभी यूनिवर्सिटी को कैंडिडेट्स को फोटो प्रिंटेड मार्कशीट्स प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं दस्तावेजों को आधार नंबर से भी लिंक किया जाएगा। आयोग ने लगातार सामने आ रहे फर्जी दस्तावेजों के मामलों को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया है।

सख्ती से पालन करने के दिए निर्देश

पिछले कुछ वक्त में जाली डिग्रियों के कई मामले देशभर में सामने आ चुके हैं। इसी को देखते हुए अब यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को अपने स्तर पर मार्कशीट्स और डिग्री को हाईली सिक्योर बनाने के लिए विभिन्न आयामों पर काम करने के निर्देश दिए हैं। यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को सर्कुलर जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि डिग्रियों और अन्य सर्टिफिकेट्स में सिक्योरिटी प्वाइंट ऑफ व्यू से संबंधित स्टूडेंट की फोटाग्राफ प्रिंटेड किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा डॉक्युमेंट्स को आधार नंबर जैसी पहचान प्रणाली से भी जोड़ा जाए। ताकि फर्जीवाड़ों पर लगाम लगाई जा सके।

यूटीयू पहले ही प्रदान कर रहा सिक्योर मार्कशीट

उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूटीयू) ने दस्तावेजों को सुरक्षित करने की दिशा में पहले ही ठोस कदम उठा लिए हैं। यूनिवर्सिटी ने अपने सभी कोर्सेज के प्रमाण पत्रों को फ्रॉड से बचाने के लिए हाई सिक्योरिटी फीचर्स से लैस किया है। यूनिवर्सिटी ने डिग्रियों के लिए खास नॉन टियरेबल पेपर, कैंडिडेट की फोटो, वाटर मार्क, पेपर पर इंफ्रारेड बीम में नजर आने वाला एंबेडिड यूटीयू का नाम व लोगो आदि हाइटेक फीचर्स को मार्कशीट में शामिल किया है। ताकि किसी भी प्रकार से डिग्री को लेकर कोई गड़बड़ी न कर सके। इसी तर्ज पर अब सभी यूनिवर्सिटी को अपनी मार्कशीट्स को भी हाइली सिक्योर करना होगा।

हमारे यहां लास्ट इयर से स्टूडेंट्स को हाइली सिक्योर मार्कशीट्स प्रदान की जा रही है। फर्जीवाड़े के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि आयोग ने दस्तावेजों की सुरक्षा को लेकर बाकी संस्थानों को भी कुछ खास व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए हैं। कुछ खास फीचर्स के जरिए डॉक्युमेंट्स को वेरिफाई करना आसान हो जाएगा। यह अच्छी पहल है।

---- प्रो। पीके गर्ग, वाइस चांसलर, उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी